दुनियाभर में बजेगा भारत का डंका, ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरिंग हब बनाने के लिए सरकार कर रही काम
Tata Motors vehicle scrapping facility inaugurate By Nitin Gadkari टाटा मोटर्स के स्क्रैप सुविधा केंद्र का उद्घाटन करते हुए परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि भारत जल्द ग्लोबल मैनुफैक्चरिंग हब बनने वाला है और सरकार इसपर काम कर रही है। (जागरण फोटो)
By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Tue, 28 Feb 2023 03:53 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। जल्द ही भारत ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरिंग हब के रूप में अपना परचम लहराते हुए नजर आ सकता है। जयपुर में टाटा मोटर की वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि सरकार भारत को वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है और आने वाले दिनों में भारत का घरेलू उद्योग करीब 15 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
वर्तमान में ऑटोमोबाइल क्षेत्र लगभग 7.8 लाख करोड़ रुपये का है और सकल घरेलू उत्पाद में यह 7.1 प्रतिशत का योगदान देता है।
बढ़ने वाला है रोजगार
गडकरी के मुताबिक, ऑटो क्षेत्र लगभग 4 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है और 2025 तक यह संख्या बढ़कर 5 करोड़ होने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि भारत को नंबर एक वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए इसे 15 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने के लक्ष्य पर काम हो रहा है।
स्क्रैप नीति से बढ़ेगी ऑटोमोटिव मांग
टाटा मोटर की वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के उद्घाटन के साथ ही गडकरी ने कहा कि वर्तमान में देशभर में सालाना 8 मिलियन टन स्क्रैप स्टील का आयात किया जाता है। इसलिए, लगभग 50-60 स्क्रैपिंग केंद्र भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाले स्टील स्क्रैप के आयात की मांग को कम कर सकते हैं। स्क्रैपिंग से एक संगठित उद्योग स्थापित करने में मदद मिलेगी जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।गडकरी के बताया कि स्क्रैपिंग नीति से सरकार को भी फायदा मिलने वाला है। इससे उत्पन्न ऑटोमोटिव मांग से सरकार को 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जीएसटी राजस्व भी मिलेगा और नई कारों के लिए कच्चे माल की लागत में 30 प्रतिशत की कमी आएगी।