प्रीमियम फ्यूल भरवाने से बढ़ता है माइलेज या फिर है पैसे की बर्बादी? दूर करें कन्फ्यूजन
भारत में 3 एमीशन मानदंडों के माध्यम से सरकार द्वारा निर्धारित ईंधन के लिए न्यूनतम ऑक्टेन रेटिंग 91 ऑक्टेन है। नियम के अनुसार किसी भी शहर में किसी भी कंपनी के माध्यम से बेचे जाने वाले सामान्य अनलेडेड ईंधन की ऑक्टेन रेटिंग 91 होनी ही चाहिए। भारत में इंडियन ऑयल का 93 ऑक्टेन और भारत पेट्रोलियम का स्पीड 97 के रूप में प्रीमियम पेट्रोल मौजूद है।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपके पास IC-इंजन वाली कार या बाइक है तो आपने एक्स्ट्रा प्रीमियम, पावर, 93 ऑक्टेन, स्पीड 97 जैसे नाम तो जरूर सुनें होंगे। पेट्रोल पंप पर गाड़ी फ्यूल-अप कराते समय कई बार वहां के कर्मचारी सामान्य के अलावा इस तरह का ईंधन भरवाने को कहते हैं। आइए, जानते हैं कि क्या ये केवल पेट्रोल के फैंसी नाम हैं या फिर इनका कोई अलग रोल होता है?
प्रीमियम फ्यूल खरीदना कितना सही?
प्रीमियम फ्यूल के अपने लाभ हैं, इस तरह हम ये नहीं कह सकते कि ये मार्केटिंग का हथकंडा है। ऑक्टेन बूस्टर एडिटिव्स का उपयोग करता है। अगर आपके पास परफॉरमेंस-ओरिएंटेड कार है, तो 93 या उससे अधिक की ऑक्टेन रेटिंग वाला फ्यूल कार के लिए ज्यादा बेहतर साबित होगा। अगर आप कार से डेली-कम्यूटिंग करते हैं, तो नॉर्मल पेट्रोल का उपयोग बेहतर है।
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ऑक्टेन नंबर का मतलब क्या है?
भारत में 3 एमीशन मानदंडों के माध्यम से सरकार द्वारा निर्धारित ईंधन के लिए न्यूनतम ऑक्टेन रेटिंग 91 ऑक्टेन है। नियम के अनुसार किसी भी शहर में किसी भी कंपनी के माध्यम से बेचे जाने वाले सामान्य अनलेडेड ईंधन की ऑक्टेन रेटिंग 91 होनी ही चाहिए।