Ola सॉलिड-स्टेट बैटरी पर कर रही काम, जानिए क्या होगा फायदा
Ola Working on solid-State batteries ओला ने देशभर में बैटरी से चलने वाले स्कूटर सेगमेंट एक तरह से अपना दबदबा बना लिया है। इस दबदबे को बरकरार रखने के लिए कंपनी तरह-तरह के प्रयास कर रही है। अब यह कंपनी सॉलिड-स्टेट बैटरी तकनीक का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में करने जा रही है। आइए जानते हैं कि इसका क्या लाभ मिलेगा।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी ओला अब भारत में सॉलिड-स्टेट बैटरी तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है। इसके बारे में कंपनी के सीईओ भावेश अग्रवाल ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंपनी सॉलिड-स्टेट बैटरी तकनीक के प्रयोग के शुरुआती चरण में है और उम्मीद है कि जल्द ही इसका इस्तेमाल वाहनों में किया जाएगा। आइए जानते हैं कि इसका लोगों को क्या फायदा मिलेगा।
इन तकनीक का क्या मिलेगा फायदा
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में अपना दबदबा बरकरार रखने के लिए ओला अब सॉलिड-स्टेट बैटरी तकनीक पर काम कर रही है, जिसे जल्द ही वह अपनी गाड़ियों में लगाएगी।
- इस टेक्नोलॉजी को ग्लोबल लेवल पर सबसे मजबूत और सबसे उन्नत तकनीतियों में से एक माना जाता है।
- यह बैटरी लिथियम-आयन बैटरी पैक की तुलना में ईवी को बेहतर रेंज और अधिक सुरक्षा देने का काम करती है।
- इस बैटरी का वजह भी काफी कम होता है, जिससे वाहनों का कुल वजन भी कम हो जाएगा।
- यह बेहतर थर्मल एफीसिएंसी प्रदान करने में मदद करती है और ग्राहकों को बेहतर सवारी का अनुभव मिलता है।
- इस तकनीक का वाहनों में इस्तेमाल करने से फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट भी मिलता है, जिसकी वजह से बैटरी से चलने वाली गाड़ियों की लाइफ भी बेहतर होती है।
ओला नहीं करती है सेल का उत्पादन
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी ओला खुद सेल का उत्पादन नहीं करती है। कंपनी इसे क्षिण कोरिया में एलजी एनर्जी सॉल्यूशन और चीन में कंटेम्पररी एम्परेक्स टेक्नोलॉजी मंगवाती है। जब भारत में इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा तो इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमते प्रभावित होंगी और यह पहले से कहीं ज्यादा किफायती हो जाएंगी।
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