पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर मिलेगी रोड़ टैक्स में भारी छूट,सरकार ने किया ऐलान
यह रियायत परिवहन वाहनों के लिए आठ साल तक और गैर-परिवहन वाहनों के मामले में 15 साल तक उपलब्ध होगी। वहीं निजी वाहनों के मामले में 25 प्रतिशत तक और परिवहन (वाणिज्यिक) वाहनों के मामले में 15 प्रतिशत तक रोड़ टैक्स पर छूट का प्रवाधान रखा गया है।
By BhavanaEdited By: Updated: Thu, 07 Oct 2021 06:10 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Vehicle Scrappage Policy Update : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने घोषणा की है, कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नई राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति के तहत पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे जाने वाले वाहनों के लिए रोड टैक्स में 25 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करेंगे। मंत्रालय ने एक प्रेस नोट में कहा कि "वाहन स्क्रैपिंग नीति में वाहन मालिकों को पुराने वाहनों को त्यागने के लिए यह प्रस्ताव रखा गया है।
कब से लागू होगा नया नियमप्रेस नोट में कहा गया कि "यह रियायत परिवहन वाहनों के लिए आठ साल तक और गैर-परिवहन वाहनों के मामले में 15 साल तक उपलब्ध होगी। वहीं निजी वाहनों के मामले में 25 प्रतिशत तक और परिवहन (वाणिज्यिक) वाहनों के मामले में 15 प्रतिशत तक रोड़ टैक्स पर छूट का प्रवाधान रखा गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि इन नए नियमों को (चौबीसवां संशोधन) नियम कहा जा सकता है, और ये 1 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे।
अधिसूचना में कहा गया है, "परिवहन वाहनों के मामले में आठ साल बाद, और गैर-परिवहन वाहनों के मामले में पंद्रह साल बाद मोटर वाहन कर में कोई रियायत नहीं होगी।" वहीं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव अमित वरदान ने अगस्त में कहा कि "केंद्र जल्द ही राज्य सरकारों को नई प्रस्तावित स्क्रैपेज नीति के तहत पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे जाने वाले वाहनों के लिए रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत तक छूट प्रदान करने के लिए कहेगा। "
Vehicle Scrappage Policy के तहत लागू होगा नियम
अमित वरदान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि "जहां तक रोड टैक्स (छूट) का सवाल है, यह कोई एडवाइजरी नहीं है, हम नियमों में बदलाव करने जा रहे हैं, जिससे पुराने वाहनों को खत्म करने पर और नई कार खरीदने पर वाहन मलिक को रोड़ टैक्स में छूट दी जाएगी।" आपको याद होगा कि इस साल अगस्त में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति (Vehicle Scrappage Policy) के तहत, भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए अनिवार्य फिटनेस परीक्षण 1 अप्रैल, 2023 से लागू होने की संभावना है, और यह अन्य श्रेणियों के लिए चरणबद्ध तरीके से लागू होगा। 1 जून 2024 से।