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पिछले साल की तुलना में मई 2022 में बढ़ी पैसेंजर वाहनों की मांग, थोक बिक्री में हुआ दोगुना इजाफा-SIAM

मई 2022 में दोपहिया वाहनों की बिक्री 1253187 यूनिट्स की थी जो कि पिछले साल इसी दौरान 354824 यूनिट्स थी। वहीं तीन पहिया वाहन सेगमेंट की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल देखा गया। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक यात्री वाहनों की बिक्री अब भी 2018 के स्तर से नीचे है।

By Sonali SinghEdited By: Updated: Sat, 11 Jun 2022 07:42 AM (IST)
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मई में पैसेंजर वाहनों की बिक्री में हुआ इजाफा

नई दिल्ली, पीटीआइ। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने मई महीने की पैसेंजर वाहनों (PV) की बिक्री रिपोर्ट जारी कर दी है। सियाम के मुताबिक बीते महीने भारतीय ऑटो बाजार में पैसेंजर वाहनों की थोक बिक्री में दोगुना उछाल आया है। जिससे यात्री वाहनों की थोक बिक्री पिछले महीने बढ़कर 2,51,052 यूनिट्स हो गई, जबकि मई 2021 में यह 88,045 यूनिट्स थी। वहीं, दोपहिया और तीन पहिया वाहनों की बिक्री में भी इसी तरह की बढ़त देखी गई है। कुल बिक्री की बात करें तो मई में 15,32,809 यूनिट्स पैसेंजर वाहनों की कुल बिक्री की गई जो पिछले साल मई में 4,44,131 यूनिट्स थी।

मई, 2022 में दोपहिया वाहनों की बिक्री 12,53,187 यूनिट्स की थी जो कि पिछले साल इसी दौरान महज 3,54,824 यूनिट्स थी। वहीं, तीन पहिया वाहन सेगमेंट की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल देखा गया। पिछले महीने कुल तिपहिया वाहनों की संख्या 28,542 यूनिट्स रही, जो मई, 2021 में महज 1,262 यूनिट्स थी। दूसरी तरफ, मई 2022 में यात्री तिपहिया, दोपहिया और क्वाड्रिसाइकिल वाहनों का कुल उत्पादन 19,65,541 यूनिट का था, जो एक साल पहले 8,08,755 यूनिट्स थी। यहां ध्यान देने वाली बात है कि पिछले साल मई महीने में कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में दस्तक दिया था, जिसकी वजह से ऑटो बाजार में गिरावट देखी गई थी।

2018 की तुलना में अब भी कम है बिक्री

सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा, "मई, 2022 में दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री सुस्त बनी हुई है, क्योंकि वे 9 साल में हुई बिक्री और 14 साल पहले हु बिक्री की तुलना में कम है। इसी तरह, यात्री वाहन सेगमेंट की बिक्री अब भी 2018 के स्तर से नीचे है।" उन्होंने आगे कहा कि हाल के सरकारी हस्तक्षेप से कारों की डिलीवरी को सही समय में करने में मदद मिलेगी, लेकिन आरबीआई द्वारा रेपो-दरों में की गई बढ़ोतरी और थर्ड पार्टी बीमा दरों में हुई वृद्धि ग्राहकों के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जिससे अंत में मांग प्रभावित हो सकती है।"