सियाम देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़ी कंपनियों का सबसे बड़ा संगठन है। यह सेक्टर ना सिर्फ देश के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 35 फीसद व जीडीपी में 06 फीसदी और जीएसटी संग्रह में 15 फीसद का योगदान देता है। सरकार को जोर है कि आटो कंपनियां इलेक्टि्रक वाहनों पर ज्यादा ध्यान दें। इस कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने भी लोगों को संबोधित किया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जब भारत वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने के सपने की तरफ आगे बढ़ रहा है तो यहां के मोबिलिटी से जुड़े सभी सेक्टर को भी इसी मिशन में जुटना होगा। भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर को ना सिर्फ इस सेक्टर में दुनिया की बेहतरीन प्रौद्योगिक व कार्य-प्रणाली को लाने की कोशिश करनी चाहिए, बल्कि स्वच्छ व पर्यावरण के अनुकूल परिवहन साधनों पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। यह बात पीएम नरेन्द्र मोदी सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (सियाम) के सालाना सभा में कही।
आज की मांग यह है कि देश काफी तेजी से आगे बढ़े, लेकिन यह विकास ऐसा हो जो किसी दूसरे को नुकसान न पहुंचाये व टिकाऊ हो। हमें स्वच्छ व पर्यावरण अनुकूल परिवहन व्यवस्था पर ध्यान देना होगा। साथ ही भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर को ना सिर्फ दूसरे देशों के लिए आदर्श स्थापित करना चाहिए बल्कि दुनिया में सबसे बेहतर प्रौद्योगिकी को भारत में लाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि सियाम की सालाना बैठक में इस बारे में विस्तार से विमर्श होगा जिसका फायदा पूरे देश को होगा।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
भारत तेजी से प्रगति कर रहा
पीएम मोदी ने पिछले एक दशक में भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर के जबरदस्त प्रदर्शन पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि, यह बताता है कि भारत कितनी तेजी से प्रगति कर रहा है, इसमें ऑटोमोबाइल सेक्टर का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है। सरकार की नीतियों का फायदा समाज के हर वर्ग तक पहुंच रहा है।
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भारत इलेक्टि्रक वाहनों के क्षेत्र में सधी शुरुआत कर चुका है। वर्ष 2030 तक भारत में एक करोड़ इलेक्टि्रक वाहनों की बिक्री होने लगेगी। इससे देश में पांच करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। तब ईवी बाजार का आकार 20 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा जबकि इलेक्टि्रक वाहनों को वित्त साधन देने का बाजार ही चार लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा।
नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क यातायात व राजमार्ग मंत्री
EV के क्षेत्र में भारत सही दिशा में बढ़ रहा
गडकरी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों का रिकार्ड बता रहा है कि इलेक्टि्रक वाहनों के क्षेत्र में भारत सही दिशा में कदम बढ़ा चुका है। वर्ष 2023-24 में इवी की बिक्री में 45 फीसद की बढ़ोतरी और 400 स्टार्ट अप की स्थापना इसको साबित करता है। दुनिया भर की कई बैट्री निर्माता कंपनियां अब भारत में प्लांट लगाने की शुरुआत कर चुकी है। ऐसे में भारत से इवी के लिए बैट्री निर्माण में भी एक सशक्त देश के तौर पर उभरने की संभावना है।
गाड़ियों के स्क्रैप पर मिलेगी तीन फीसद की छूट
गडकरी ने पुराने वाहनों के स्क्रैप करने पर तीन फीसद की छूट देने को लेकर सियाम की तरफ से किये गये फैसले का स्वागत किया। उन्होंने सभी कंपनियों से अपनी स्क्रैप सुविधा लगाने का आग्रह किया। स्क्रैपिंग की सुविधा लगा कर ऑटोमोबाइल कंपनियां अपना मुनाफा बढ़ा सकती हैं।
आटो निर्यात में और बढ़ेगी भारत की धमक
भारत को ऑटोमोबाइल निर्यात में दुनिया के दिग्गज देश बनाने की जमीन तैयार की जा रही है। सियाम ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले 50 ऐसे कल-पुर्जे व उपकरणों को चिन्हित किया है. जिसका अभी बहुत ही ज्यादा आयात किया रहा है। कोशिश यह होगी कि इनका निर्माण भारत में ही किया जाए ताकि आयात पर निर्भरता कम किया जा सके। इससे अगले पांच वर्षों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में 25 हजार करोड़ रुपये के आयात को कम किया जा सकेगा। इस रणनीति को सियाम और ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपिनियों के संगठन एक्मा के बीच सहयोग हो रहा है।
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चार वर्षों में बढ़ा मारुति सुजुकी का निर्यात
इस बीच भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने कहा है कि वर्ष 2030 तक भारत से होने वाले उसकी कारों के निर्यात में वर्ष 2030 तक तीन गुणा की वृद्धि होगी। पिछले चार वर्षो में भी मारुति सुजुकी का निर्यात भारत से तीन गुणा बढ़ा है।