गुड बाय Volkswagen Polo! भारत में फॉक्सवैगन पोलो का प्रोडक्शन बंद, कंपनी ने शेयर किया इमोशनल लेटर
पोलो पुणे में चाकन प्लांट में फॉक्सवैगन का पहला स्थानीय रूप से निर्मित मॉडल था। इसे पहली बार 2010 में ऑटो एक्सपो में अपने पहले लॉन्च से पहले प्रदर्शित किया गया था। तब से पोलो की भारत में 3 लाख से ज्यादा यूनिट्स बिक चुकी हैं।
By Atul YadavEdited By: Updated: Sat, 09 Apr 2022 12:11 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। फॉक्सवैगन पोलो भारतीय बाजार में सिर्फ एक छोटी हैचबैक नहीं है, बल्कि उन लाखों लोगों के लिए एक भावना है जिन्होंने इसे खरीदा है। यहां तक कि इस गाड़ी के कई रिपिटेड कस्टमर भी हैं। हालांकि, भारतीय बाजार में फॉक्सवैगन पोलो को अब नहीं बेचा जाएगा।
फाइनल गुड बाय बोलने के लिए कंपनी ने एक बयान जारी किया। कंपनी द्वारा शेयर किए गए लेटर में पोलो ने इंजीनियरों, डीलरशिप, सर्विस टीम और आम जनता सहित कई लोगों को धन्यवाद दिया है जिन्होंने भारत में प्रीमियम हैच के विकास में योगदान दिया है। पत्र में आगे उल्लेख किया गया है कि पोलो क्रमशः ताइगुन और वर्तुस के रूप में एसयूवीडब्ल्यू और सेडान भाई-बहनों को विरासत दे रहा है।
फॉक्सवैगन पोलो अलविदा पत्र फॉक्सवैगन पोलो ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक लेटर शेयर किया है,जो काफी इमोशनल है। इस लेटर में उन उपभोक्ताओं को संबोधित किया गया है और पोलो द्वारा तैयार किया गया है। इस पत्र में पोलो लाक्षणिक रूप से भारत में अपनी यात्रा के बारे में बताता है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि कार ने पहली बार 2009 में पुणे में फॉक्सवैगन के चाकन स्थित प्लांट में अपने हेडलैम्प्स को पहली बार ब्लिंक किया था। उसके बाद इसने 2010 ऑटो एक्सपो में अपनी आधिकारिक शुरुआत की और तब से बारह वर्षों से बिक्री पर रहा है।
पोलो को भारत में फॉक्सवैगन के सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडलों में से एक माना जाता था, जिसकी लॉन्चिंग के बाद से 3 लाख से अधिक इकाइयां बेची जा चुकी हैं। कार की दिल्ली में मौजूदा एक्स-शोरूम कीमत करीब 7.02 लाख रुपये है।जानकारी के लिए बता दें, Polo को पहली बार साल 2010 में लॉन्च किया गया था, जिसके बाद ये गाड़ी जल्द ही भारतीय बाजार में अपनी अच्छी पकड़ बना ली थी। इसलिए यह पिछले 12 वर्षों से भारत में बिक्री पर है। इन वर्षों में Volkswagen ने Polo को कई अपडेट वर्जन में लॉन्च किया। हालांकि, ये बदलाव उतना खास नहीं था, क्योंकि गाड़ी की डिजाइन ज्यादातर वही रहा। हेडलैंप और टेल लैंप के अंदर के तत्वों को बदल दिया गया था। फेसलिफ्ट के लॉन्च होते ही बंपर भी समय के साथ बदले गए। लेकिन डिजाइन कमोबेश वही रहा।