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Golden Era Of Bikes: 'शानदार और जानदार सवारी'... वो फटफटिया, जिसके आने पर गूंज उठता था पूरा मोहल्ला

Rajdoot Bike ने 60 के दशक में एक किफायती बाइक के रूप में अपनी दस्तक दी थी और आते ही इसने भारतीय बाजार में तहलका मचा दिया। उस समय इसके दो मॉडल्स को लॉन्च किया गया था जिसमें Rajdoot GTS 175 और Rajdoot SHL M11 शामिल थे।

By Sonali SinghEdited By: Updated: Thu, 01 Dec 2022 08:43 AM (IST)
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Rajdoot Motorcycle History and Journey in India, Models Details
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। 1961 में जब भारत में येज़्दी (Yezdi) ने दस्तक दी, युवाओं में इसका जादू सिर चढ़कर बोल रहा था। पर अपनी ज्यादा कीमत की वजह से यह हर भारतीय की पहुंच से अब भी दूर थी। बाजार में अब भी एक सस्ती मगर जानदार मोटरसाइकिल की कमी महसूस की जा रही थी और ऐसे में ठीक एक साल बाद किफायती मोटरसकिल राजदूत (Rajdoot) की एंट्री हुई।

दूर से ही आती इसकी फट-फट की आवाज, बोल्ड लुक और स्टार्ट करने पर बाइक के एग्जॉस्ट से गर्म हवा का गुब्बार, ने राजदूत को एक अलग पहचान दी। 60 से लेकर 80 के दशक तक अपना जलवा बिखेरने वाली ये बाइक असल में एक किंग थी और इसमें सवारी करने वाला खुद को किसी राजा से कम नहीं समझता था। भूली-बिसरी यादों में आज हम इसी 'दूत किंग' के बारे में बात करने जा रहे हैं।

भारत में Rajdoot की एंट्री

एस्कॉर्ट्स के मोटरसाइकिल डिवीजन ने 1962 से राजदूत ब्रांड नाम के साथ पोलिश SHL M11 मोटरसाइकिल का निर्माण शुरू किया। यह एक 125cc की मोटरसाइकिल थी, जिसने उस समय में बाइकर्स को शानदार स्पीड और एड्रेनालाईन भरी सवारी का एहसास दिलाया। इसके अलावा, एक और क्लासिक मॉडल भी था, जो Rajdoot GTS 175 नाम से जाना गया। इन दोनों मोटरसाइकिलों ने आते भी भारत के बाइक बाजार में तहलका मचा दी थी।

हालांकि, इसके आने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। कहा जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी के हारने के बाद युद्ध क्षतिपूर्ति और मुआवजे के रूप में जर्मनी को अन्य देशों को RT-125 के डिजाइन का लाइसेंस देना पड़ा। इसमें भारत भी था और इस तरह से राजदूत ने देश में दस्तक दी।

Rajdoot- एक असली रोड किंग

अपने नाम की तरह ही राजदूत एक असली किंग भी थी। 60-70 के दशक तक केवल Royel Enfield Bullet और Jawa Motorcycles ही भारतीय ऑटो बाजार में थी और हमारे पास ऐसी कोई मोटरसाइकिल नहीं थी जो 250cc सेगमेंट में आ सके। ऐसे में राजदूत ने लोगों को स्पीड से परिचय करवाया।

इसकी स्टाइल और स्टेबिलिटी, कम रखरखाव और बिना किसी ज्यादा खर्च के लंबा जीवन ग्राहकों को खूब पसंद आ रहा था। इसके अलावा, इसकी ऑफ-रोड राइडिंग क्षमता ने इसे लोगों के बीच खूब लोकप्रिय बना दिया था। उस समय राजदूत किसी स्टेट्स सिंबल की तरह बन गया था और इसे खरीदना किसी सपने के साकार होने जैसा था।

राजदूत का बॉलीवुड कनेक्शन

एक समय ऐसा भी आया था जब राजदूत की चमक फीकी पड़ने लगी थी और एनफील्ड सिल्वर प्लस, मोपेड और काइनेटिक स्पार्क ने बाजार में अपना कब्जा जमा लिया था। ऐसे में Rajdoot को साथ मिला बॉलीवूड के सुपरस्टार 'धर्मेन्द्र पाजी' का। धर्मेन्द्र ने राजदूत के लिए एक विज्ञापन किया, जिसकी लाइन थी- 'शानदार सवारी, जानदार सवारी'। उस समय धर्मेन्द्र की इमेज किसी 'मैचो मैन' की तरह थी और उनका राजदूत में बैठना एक जबरदस्त हिट रहा। राजदूत की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखा गया और इसे खरीदना किसी पावर को हाथ में लेने के समान समझा जाने लगा।

रही-सही कसर Bobby फिल्म ने कर दी। 1973 में ऋषि कपूर द्वारा बॉबी फिल्म में इसका इस्तेमाल करने के बाद राजदूत जीटीएस 175 प्रसिद्ध हो गया। फिल्म के बाद इस बाइक का नाम भी बॉबी रखा दिया गया और उस समय के बाद यह नव युवकों द्वारा पसंद की जाने लगी।

Hero Honda CD 100 बनी असली राइवल

जैसे कि हर बाइक का दौर एक दिन खत्म होता है, राजदूत की उम्र भी 90 के दशक में ढलने लगी। कहा जाता है कि इसकी सबसे बड़ी राइवल हीरो होंडा सीडी 100 (Hero Honda CD 100) रही थी, जिसे 1985 में लॉन्च किया गया था।

किफायती रेंज और नव युवकों को ध्यान में रखकर लाई गई इस बाइक में ग्राहकों को नयापन मिला, जिससे राजदूत की मांग घटने लगी। इसके आलवा, उच्च खरीद मूल्य, महंगे स्पेयर पार्ट्स और खराब उपलब्धता ने राजदूत की मांग को और कम कर दिया। राजदूत जीटीएस 175 का उत्पादन 1984 में समाप्त हो गया था, जबकि राजदूत 350 ब्रांड के आखिरी मॉडल के रूप में बेची गई थी। भारत में इसका उत्पादन 1990 में समाप्त किया गया और अंतिम बाइक्स को 1991 में बेचे जाने की सूचना मिली थी।

भले ही आज राजदूत का दौर खत्म हो गया है और आज यह सिर्फ एक विंटेज बाइक के रूप में ही नजर आती है, पर असल मायनों में यह भारत की असली रोड किंग थी, जिसने आम जनता की जरूरतों को समझा था और अपनी फट-फट वाली आवाज के साथ लोगों के दिल, मन और यादों में हमेशा के लिए बस गई।

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