Rapido को नहीं मिली Supreme Court से राहत, बिना लाइसेंस के नहीं चलेगी बाइक टैक्सी
Roppen Transportation Services Private Limited (Rapido) बनाम सुप्रीम कोर्ट । महाराष्ट्र सरकार द्वारा कंपनी को दोपहिया बाइक टैक्सी एग्रीगेटर लाइसेंस देने से इनकार करने के खिलाफ दायर अपील से राहत देने के लिए मना कर दिया है। (जागरण फोटो)
By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediUpdated: Wed, 08 Feb 2023 09:09 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाइक टैक्सी एग्रीगेटर कंपनी रैपिडो द्वारा महाराष्ट्र सरकार द्वारा कंपनी को दोपहिया बाइक टैक्सी एग्रीगेटर लाइसेंस देने से इनकार करने के खिलाफ दायर अपील में राहत देने से मना कर दिया है। आपको बता दे भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि 2019 में मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधनों में ये स्पष्ट कर दिया गया है कि एग्रीगेटर वैध लाइसेंस के बिना काम नहीं कर सकती है।
लाइसेंस के लिए याचिका हुई खारिज
वहीं रैपिडो के मामले में, अदालत ने ये पाया है कि पुणे आरटीओ ने दिसंबर 2022 में लाइसेंस के लिए उसकी याचिका को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने रैपिडो को राहत देने से इनकार कर दिया , लेकिन कंपनी को महाराष्ट्र राज्य द्वारा जारी 19 जनवरी की अधिसूचना को चुनौती देने के लिए अनुच्छेद 226 के तहत बॉम्बे उच्च न्यायालय जाने की स्वतंत्रता दी।
बॉम्बे हाई कोर्ट
इस साल जनवरी में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने कंपनी को दोपहिया बाइक टैक्सी एग्रीगेटर लाइसेंस देने से राज्य सरकार के इनकार के खिलाफ रैपिडो द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था। इसके चलते कंपनी सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जो खारिज हो गई।रैपिडो को लाइसेंस देने से किया इनकार
29 दिसंबर, 2022 के एक संचार में, राज्य सरकार ने कहा था कि बाइक टैक्सियों के लाइसेंस पर कोई राज्य नीति नहीं है और बाइक टैक्सियों के लिए कोई किराया संरचना नीति नहीं है। इसका हवाला देते हुए राज्य ने रैपिडो को लाइसेंस देने से इनकार कर दिया था।