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जब देश टाटा मोटर्स को विफल होती कंपनी के रूप में देखता है तो दुख होता है: रतन टाटा

चाहे कोई प्रॉडक्ट हो, यात्री वाहन सेग्मेंट या नया सिस्टम अपनाना हो, ऐसा कोई काम नहीं, जिसे हमने हाथ में लिया हो और उसे हासिल करने में जी-जान नहीं लगा दी हो।

By Bani KalraEdited By: Updated: Wed, 04 Apr 2018 10:09 AM (IST)
जब देश टाटा मोटर्स को विफल होती कंपनी के रूप में देखता है तो दुख होता है: रतन टाटा

नई दिल्ली (पीटीआई)। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने टाटा मोटर्स के कर्मचारियों से मार्मिक अपील की है। उन्होंने कहा है कि पिछले चार-पांच सालों में कंपनी ने बाजार में अपनी हिस्सेदारी खो दी है और अब जब देश टाटा मोटर्स को विफल कंपनी की तरह देखता है, तो उन्हें बेहद दुख होता है। इसलिए टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को खोई हुई बाजार हिस्सेदारी पाने और कंपनी को वापस शीर्ष पर पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

वित्त वर्ष की शुरुआत में कर्मचारियों को संबोधित करने की परंपरा के तहत संबोधन में टाटा ने कहा कि वर्तमान चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन व एमडी गुंटर बुश्शेक के नेतृत्व में टाटा मोटर्स नई ऊंचाइयों को हासिल करेगी। टाटा ने कहा, ‘मैं टाटा मोटर्स का हिस्सा होकर गौरवान्वित महसूस किया करता था।

चाहे कोई प्रॉडक्ट हो, यात्री वाहन सेग्मेंट या नया सिस्टम अपनाना हो, ऐसा कोई काम नहीं, जिसे हमने हाथ में लिया हो और उसे हासिल करने में जी-जान नहीं लगा दी हो। लेकिन पिछले चार-पांच वर्षो में हमने बाजार हिस्सेदारी गंवा दी। हम ऐसी कंपनी बन गए, जिसे देश विफल होती कंपनी के रूप में देख रहा है।

गौरतलब है कि हर वित्त वर्ष की शुरुआत में कर्मचारियों को संबोधित करने की परंपरा खुद रतन टाटा ने शुरू की थी। इस बार यह संबोधन टाटा मोटर्स के पुणो संयंत्र में था। टाटा ने कर्मचारियों के उत्साह और लगन की प्रशंसा भी की। कहा, ‘जब तक मैं कंपनी में रहा, मेरा दृढ़ विश्वास था कि कर्मचारियों में गजब की भावना और अद्भुत क्षमता है। आज भी कर्मचारियों में वही भावना व क्षमता देखकर मैं बेहद प्रसन्न हूं। हमें वही पुराने दिन वापस पाने के लिए योजना बनानी होगी। हमें अनुयायी नहीं, बल्कि मार्गदर्शक बनना होगा।’