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प्रदूषण को लेकर Renault कंपनी हुई सख्त, कंपनी करेगी BS VI उत्सर्जन मानदंडों के दूसरे चरण को पूरा

इस साल 1 अप्रैल से वाहनों में ऑन-बोर्ड सेल्फ-डायग्नोस्टिक डिवाइस होने की जरूरत होगी ताकि लोगों की रियल टाइम ड्राइविंग एमिशन लेवल पर नजर रखी जा सकी। कंपनी की पूरी रेंज BS VI उत्सर्जन मानदंडों के दूसरे चरण को पूरा करेगी। (जागरण फोटो)

By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediUpdated: Thu, 02 Feb 2023 04:59 PM (IST)
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Renault company becomes strict regarding pollution , second phase of BS VI emission norms

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। प्रदूषण दिन पर दिन काफी तेजी से बढ़ते जा रहा है। इसको लेकर सरकार काफी सख्त हो चुकी है। वहीं इसी को देखते हुए वाहन निर्माता कंपनी रेनॉल्ट ने कहा कि देश में आने वाले उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के लिए अपने प्रोडक्ट को अपडेट करेगी। आपको बता दें Kiger, Triber और Kwid सहित कंपनी की पूरी रेंज BS VI उत्सर्जन मानदंडों के दूसरे चरण को पूरा करेगी, जो इस साल 1 अप्रैल से लागू होगा।

बीएस VI मानदंड

वाहन निर्माता कंपनी ने कहा कि बीएस VI मानदंडों के दूसरे चरण के इंप्लीमेंट के साथ, सभी कारें सेल्फ -डाइगोनॅस्टिक व्हीकल उपकरण से लैस होंगी। ये डिवाइस ड्राइविंग के दौरान वाहन के उत्सर्जन स्तर की लगातार निगरानी करेगा, साथ ही अन्य महत्वपूर्ण उत्सर्जन उपकरणों जैसे कैटेलिटिक कनवर्टर और ऑक्सीजन सेंसर के साथ।

रेनॉल्ट इंडिया

आपको बता दे रेनॉल्ट इंडिया ऑपरेशंस कंट्री के सीईओ और प्रबंध निदेशक वेंकटराम मामिलपल्ले ने कहा, "नए बीएस VI स्टेप 2 के अनुरूप पेट्रोल इंजनों की रेंज में उत्सर्जन में पर्याप्त कमी सुनिश्चित होगी, जिससे सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में काफी योगदान होगा। इसके साथ ही उन्होने कहा कि उत्पाद लाइन अप में अतिरिक्त सुरक्षा विशेषताएं भी जोड़ा जाएगी।

सेफ्टी फीचर

कंपनी का मानना है कि सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है और हमारी नई 2023 रेंज में नई श्रेणी की सुरक्षा सुविधाओं की भी शुरुआत होगी। जो भारत के लोगों के लिए सबसे उच्च सुरक्षा होगी उसे ही हम अपनाएगें। पूरी रेनॉल्ट रेंज अब  सुविधाओं के रूप में इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता कार्यक्रम (ESP), हिल स्टार्ट असिस्ट (HSA), ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम (TCS) और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) से सुसज्जित है।

इस साल 1 अप्रैल से वाहनों में ऑन-बोर्ड सेल्फ-डायग्नोस्टिक डिवाइस होने की जरूरत होगी ताकि लोगों की रियल टाइम ड्राइविंग एमिशन लेवल पर नजर रखी जा सकी। एमीशन पर नजर रखने के लिए डिवाइस कैटेलिटिक कनवर्टर और ऑक्सीजन सेंसर जैसे उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए लगातार प्रमुख भागों की निगरानी करेगा।

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