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पहली बार एक लाख का आंकड़ा पार सकती है इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री, कार कंपनियों की बदल रही रणनीति

पैसेंजर कार ईवी की संख्या 4514 है। पहली बार वर्ष 2023-24 में ईवी कारों की बिक्री एक लाख को पार करने वाली है। यह पांच वर्ष पहले के मुकाबले यह 50 गुना ज्यादा है। देश के आटोमोबाइल बाजार में तकरीबन 41 फीसद हिस्सेदारी रखने वाली मारुतु सुजुकी अभी इस बाजार में नहीं उतरी है जबकि 19 फीसद हिस्सेदारी वाली हुंडई की उपस्थिति बहुत सीमित है।

By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediUpdated: Sun, 01 Oct 2023 06:44 PM (IST)
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पहली बार एक लाख का आंकड़ा पार सकती है इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान देश में इलेक्ट्रिक कारों की कुल बिक्री 42,109 रही है। वर्ष 2022-23 में यह बिक्री 48,105 रही थी। इलेक्ट्रिक कारें बनाने वाली कंपनियों को उम्मीद है कि पहली बार चालू वित्त वर्ष यह बिक्री एक लाख के आंकड़े को पार करेगी। वैसे संख्या के हिसाब से यह आंकड़ा बहुत उत्साहित करने वाला नहीं है लेकिन कार कंपनियों का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में यह 50 गुणा की वृद्धि है। कंपनियां कह रही हैं कि बिक्री उनकी उम्मीद से बेहतर है। अगले वर्ष से मारुति सुजुकी व हुंडई की इलेक्ट्रिक कारों के आने से बिक्री और बढ़ने के आसार हैं। बिक्री तेज होते देख कंपनियां भी ज्यादा दांव लगाने लगी हैं।

टाटा मोटर्स का बयान 

टाटा मोटर्स का कहना है कि वर्ष 2030 तक उसकी तरफ से बेची जाने वाली कुल कारों में ईवी की हिस्सेदारी 50 फीसद हो जाएगी। मर्सिडीज बेंज का लक्ष्य है कि वह अगले पांच वर्षों में भारत में अपनी कुल बिक्री का 25 फीसद ईवी बेचे। एमजी मोटर की कुल बिक्री में इवी की हिस्सेदारी तो इसी वर्ष एक चौथाई से ज्यादा होने की संभावना है। मर्सिडीज के एमडी व सीईओ संतोष अय्यर ने पिछले दिनों बताया कि वर्ष 2022 में हमने जो ईवी लॉन्च की थी उसकी बिक्री हमारी उम्मीद से काफी ज्यादा है। चार्जिंग की बढ़ती सुविधा, बेहतर होती तकनीक और पर्यावरण के प्रति लोगों की बढ़ती जिम्मेदारी के साथ ही ईवी के प्रति भरोसा भी लोगों का बढ़ रहा है। खास तौर पर लग्जरी ईवी की रीसेल वैल्यू सामान्य पेट्रोल-डीजल वाहनों की रीसेल वैल्यू से बेहतर होना भी ग्राहकों को आकर्षित करने वाला साबित हो रहा है। 

हर चार में से एक कार ईवी की होने की संभावना है 

ऐसे में अगले तीन से चार वर्षों में मर्सिडीज की तरफ से बेचे जाने वाली हर चार में से एक कार ईवी की होने की संभावना है। देश के इलेक्ट्रिक कारों के बाजार में 75 फीसद हिस्सेदारी रखने वाली टाटा मोटर्स की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2030 तक उसकी कुल बिक्री में 50 फीसद हिस्सा इलेक्ट्रिक कारों का होगा। टाटा मोटर्स के एमडी (पैसेंजर व्हीकल्स व इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) शैलेश चंद्रा का कहना है कि अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पिछले पांच वर्षों के मुकाबले कई गुना ज्यादा होगी। 

ग्राहकों का बढ़ता भरोसा  

ग्राहकों का बढ़ता भरोसा सबसे बड़ा कारण है। दूसरा कारण चार्जिंग सुविधा का उपलब्ध होना है। बढ़ी हुई मांग देख टाटा मोटर्स ईवी सेग्मेंट के लिए अलग बिक्री नेटवर्क स्थापित करने का फैसला किया है।वैसे आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो देश में जितनी ईवी बेची जा रही हैं उसमें तिपहिया ईवी और दोपहिया इवी की हिस्सेदारी ही ज्यादा है। सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमइवी) के मुताबिक सितंबर, 2023 में देश में कुल 97,367 ईवी की बिक्री हुई है जिसमें दो पहिया 49,115, तीपहिया 43,539 हैं। 

पैसेंजर कार ईवी की संख्या 

पैसेंजर कार ईवी की संख्या 4514 है। पहली बार वर्ष 2023-24 में ईवी कारों की बिक्री एक लाख को पार करने वाली है। यह पांच वर्ष पहले के मुकाबले यह 50 गुना ज्यादा है। देश के आटोमोबाइल बाजार में तकरीबन 41 फीसद हिस्सेदारी रखने वाली मारुतु सुजुकी अभी इस बाजार में नहीं उतरी है जबकि 19 फीसद हिस्सेदारी वाली हुंडई की उपस्थिति बहुत सीमित है। दोनो कंपनियां वर्ष 2024 व वर्ष 2025 में भारतीय बाजार के लिए तैयार ईवी के साथ उतरने की तैयारी में हैं।