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Scrapping Policy: देश की ये तीन बड़ी कंपनियां मिलकर करेंगी पुरानी गाड़ियों का निपटारा, समझौते पर हुआ हस्ताक्षर

Honda Cars ने Maruti Suzuki Toyotsu के साथ एक साझेदारी कर ली है जिसके तहत पुरानी हो चुकी गाड़ियों को स्क्रैप किया जाएगा। यह सर्विस सबसे पहले दिल्ली एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश में शुरू की जा रही है।

By Sonali SinghEdited By: Updated: Mon, 28 Nov 2022 02:29 PM (IST)
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Honda Cars Ties Up With Maruti Suzuki Toyotsu, See Details
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में पुरानी गाड़ियों को चलाने पर रोक लगा दी गई है और इसके लिए भारत सरकार स्क्रैप पॉलिसी लेकर आई है। वहीं, इन गाड़ियों को नष्ट करने के लिए कई स्क्रैपिंग सेंटर भी खोले गए हैं। अब देश की बड़ी कंपनियां भी इस काम के लिए आगे आ रही हैं।

होंडा कार्स ने मारुति सुजुकी टोयोत्सु के साथ वाहन स्क्रैपिंग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जिसमें ग्राहकों के पुराने हो चुके वाहनों को खत्म करने के लिए एंड-टू-एंड समाधान की पेशकश की जाएगी। साथ ही, सबसे पहले यह सर्विस दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में शुरू होगा।

बता दें कि मारुति सुजुकी टोयोत्सु इंडिया (MSTI) एक सरकार द्वारा अप्रूव्ड ईएलवी स्क्रैपिंग और रीसाइक्लिंग कंपनी है, जो देश में स्क्रैप और रीसाइक्लिंग केंद्र स्थापित कर रही है।अब इस ग्रुप की होंडा के साथ साझेदारी ने तीन बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों को एक साथ कर दिया है।

स्क्रैप पर ग्राहकों को मलेंगे अच्छे दाम- होंडा

होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (HCIL) के प्रेसिडेंट और सीईओ ताकुया त्सुमुरा ने कहा, "भारत सरकार की व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने, सुरक्षा में सुधार करने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए पुराने वाहनों को कबाड़ करने और उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने की शर्त रखती है। ऐसे में कंपनी अपने ग्राहकों को डीलरों के माध्यम से उनकी पुरानी कारों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से स्क्रैप करने के लिए वन-स्टॉप समाधान की पेशकश करेगी।"

उन्होंने आगे कहा कि इस टाई-अप के साथ, जापानी वाहन निर्माता अपने ग्राहकों को उनकी पुरानी हो चुकी गाड़ियों के अच्छे दाम प्राप्त करने में सहायता करेंगे।

पिछले साल खुली थी MSTI की पहली यूनिट

जानकारी के लिए बता दें कि मारुति सुजुकी टोयोत्सु इंडिया ने पुरानी हो चुकी गाड़ियों को स्क्रैप करने के लिए पिछले साल ही नोएडा में अपनी पहली स्क्रैप यूनिट को खोला था। इस यूनिट में हर साल लगभग 24 हजार पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप में तब्दील किया जा सकता है और हर महीने 2,000 वाहनों को स्क्रैप करने की क्षमता है। वहीं, एक वाहन को स्क्रैप करने में तीन घंटे से अधिक समय लगता है।

(एजंसी इनपुट के साथ)

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