सिंपल एनर्जी ने आईआईटी-इंदौर से मिलाया हाथ, इलेक्ट्रिक स्कूटर को नई उंचाईयों पर पहुंचाने का प्लान
आईआईटी इंदौर के साथ समझौता से सिंपल एनर्जी के आरएंडडी को बढ़ावा मिलेगा। यहां तक इस सहयोग से आगामी स्कूटर के रेंज में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। आइये जानते हैं दोनों के सहयोग से ग्राहकों को क्या मिलेगा फायदा..
By Atul YadavEdited By: Updated: Wed, 15 Dec 2021 08:41 AM (IST)
पीटीआइ। बेंगलुरु बेस्ड इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता सिंपल एनर्जी अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर का और भी तेजी से विस्तार करने के लिए आईआईटी इंदौर से हाथ मिला लिया है। कंपनी को उम्मीद है कि इस सहयोग से भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर सेगमेंट में एक नया दौर आएगा। आइये आपको बताते हैं कि आईआईटी इंदौर के साथ सिंपल एनर्जी मिलकर किस चीज पर शोध कर रही है और क्या इससे क्या होगा फायदा।
रेंज की चिंता होगी कम
आईआईटी इंदौर के साथ समझौता से सिंपल एनर्जी के आरएंडडी को बढ़ावा मिलेगा। यहां तक इस सहयोग से आगामी स्कूटर के रेंज में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। सरकारी मानकों के अनुरूप उपभोक्ता मांग में तेजी लाने के लिए उच्च प्रदर्शन (समग्र) सामग्री के साथ हल्के वाहनों के एकीकरण में सहायता मिलेगी। ईवी निर्माता ने कहा कि इस प्रणाली से उसके सभी उत्पादों में बैटरी मॉड्यूल की सुरक्षा, निर्भरता और जीवन काल में सुधार की उम्मीद है।
दोनों टीम मिलकर कर रही शोधसिंपल एनर्जी के फाउंडर और सीईओ सुहास राजकुमार ने कहा, ''इस समय ग्राहक बैटरी के मुद्दों की गंभीरता को जानते हैं। इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी को ग्राहकों की सेफ्टी के लिए नई टेक्नॉलाजी को विकसित करने की जरूरत है। जबकि ग्लोबल ईवी मार्केट में थर्मल रनवे समस्या को को दूर करने के लिए विकल्प की तलाश की जा रही है। इस मामले सिंपल एनर्सी एक कदम आगे काम कर रही है। हमारी रिसर्च टीम आईआईटी इंदौर से साथ मिलकर इस समस्या का हल खोजने में लगी हुई है।''
"मेक इन इंडिया" पहलकंपनी के सीईओ ने कहा कि सिंपल एनर्जी की स्थापना एक सच्ची "मेक इन इंडिया" पहल है। इसके साथ- साथ थर्मल मैनेजमेंट के लिए इस तरह की अत्याधुनिक तकनीकी प्रणाली पर काम करने वाला पहला स्टार्ट-अप भी है। हम आईआईटी इंदौर के साथ मिलकर इस थर्मल मैनेजमेंट पर काम कर रहे हैं और साल भर में इसे एक बेहतरीन शेप दे सकते हैं।