ज्यादा टैक्स से छोटी कारों की बिक्री घटी, मारुति के चेयरमैन ने कही ये बात
मारुति सुजुकी के चेयरमैन ने कहा कि सभी कारों पर समान कर उद्योग और बाजार के लिए अच्छा नहीं है। वर्तमान में वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ एक से 22 प्रतिशत का अतिरिक्त उपकर लगता है जिससे इनकी बिक्री कम हुई है।
By Jagran NewsEdited By: Sonali SinghUpdated: Tue, 20 Dec 2022 07:47 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआइ) के चेयरमैन आरसी भार्गव का मानना है कि देश में छोटी कारों पर नियामकीय बोझ सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय वाहन उद्योग का एक महत्वपूर्ण सेगमेंट है और सभी सेगमेंट के वाहनों के लिए एक समान कर ढांचा क्षेत्र की वृद्धि की दृष्टि से ठीक नहीं है। ज्यादा कर के चलते ही छोटी कारों की खरीदारी घटी है।
भार्गव ने कहा कि अगर मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र तेजी से बढ़ता तो भारत की आर्थिक वृद्धि दर कहीं ऊंची हो सकती थी। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से नरेंद्र मोदी सरकार के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पीछे है। इसकी वजह जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में अंतर होना है।
छोटी कारों पर बढ़ रहा है बोझ- भार्गव
सोमवार शाम मीडिया से बातचीत में भार्गव ने कहा, 'छोटी कारों पर नियामकीय बदलावों का बोझ बड़ी कारों की तुलना में कहीं अधिक है। इसकी वजह से पूरे बाजार के 'व्यवहार' में परिवर्तन आया है। अब छोटी कारों की खरीदारी घटी है। यह कार उद्योग या देश के लिए अच्छी बात नहीं है।'
उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग के स्वस्थ विकास के लिए कारों के बाजार में नए ग्राहकों की संख्या में लगातार वृद्धि होनी चाहिए। कारों के स्वामित्व का आधार हर साल बढ़ना चाहिए। भारत में कार उद्योग एक ऐसा क्षेत्र बन गया है, जहां छोटी कारों के खंड में कोई वृद्धि नहीं हुई है। जो भी वृद्धि हो रही है, वह बड़ी कारों के खंड में हो रही है।
कारों पर लग रहा भारी GST
वर्तमान में वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ वाहन के प्रकार के हिसाब से एक से 22 प्रतिशत का अतिरिक्त उपकर लगाया जाता है। पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (सीबीयू) के रूप में आयातित कारों पर 60 से 100 प्रतिशत के बीच सीमा शुल्क लगता है। भार्गव ने कहा कि छोटी या बड़ी इलेक्टि्रक कार के लिए जीएसटी पांच प्रतिशत रखा गया है। वहां भी कर की दर में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने इस बात पर भी निराशा जताई कि वाहन क्षेत्र पर भारी कर लगाया जा रहा है, जो उद्योग वृद्धि को प्रभावित कर रहा है।