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अब टाइगर रिजर्व में भी होगी FASTag से एंट्री, खत्म होने वाली है बार-बार पर्ची कटाने की टेंशन

नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व के सभी वन प्रवेश बिंदुओं पर फास्टैग आधारित भुगतान प्रणाली प्रदान की जाएगी। हाल ही में IHMCL और आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में फैले नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व ने इससे संबंधित एक समझौता किया है। (फाइल फोटो)।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Fri, 14 Apr 2023 06:57 PM (IST)
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Srisailam Tiger Reserve to facilitate a seamless entry process for vehicles
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में सड़कों की स्थिति लगातार सुधर रही है। सरकार लोगों की यात्रा और पर्यटन को सुविधाजनक बनाने के लिए नए प्रयोग करती रहती है। हमारी ये खबर ही इससे संबंधित है। भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (IHMCL) और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में फैले नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व ने एक समझौता किया है। इससे पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलने वाली है।

बार-बार पर्ची कटवाने की टेंशन खत्म

अब नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व के सभी वन प्रवेश बिंदुओं पर फास्टैग आधारित भुगतान प्रणाली प्रदान की जाएगी। आपको बार-बार कैश देकर रसीद लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार वन क्षेत्र में वाहनों के लिए एक निर्बाध प्रवेश प्रक्रिया की सुविधा के लिए ये फैसला लिया गया है।

भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (IHMCL) ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में फैले नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व के साथ ये समझौता किया है। बयान में कहा गया है कि पहल का उद्देश्य वन प्रवेश बिंदुओं पर फास्टैग आधारित भुगतान प्रणाली प्रदान करना है और टाइगर रिजर्व के विभिन्न प्रवेश बिंदुओं पर फास्टैग के माध्यम से ईएमसी शुल्क वसूला जाएगा।

क्या है प्लान

जानकारी दी गई है कि FASTag प्रणाली टोल प्लाजा पर स्वचालित टोल भुगतान को सक्षम करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक को नियोजित किया जाएगा। हाल ही में पूरे भारत में सभी 4-पहिया और उससे ऊपर के वाहनों पर FASTag अनिवार्य कर दिया गया है। वन प्रवेश बिंदुओं पर फास्टैग-आधारित भुगतान को सक्षम करके आने वाले लोगों की लंबी कतारों और होने वाली देरी से बचा जाएगा।

अब पर्यटक बिना किसी परेशानी से प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवन का आनंद ले सकेंगे। बयान में कहा गया है कि आईएचएमसीएल और वन विभाग के बीच यह साझेदारी स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने और वन प्रवेश बिंदुओं पर वाहनों के उत्सर्जन को रोककर प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।