Tata Motors ने सूरत में शुरू की तीसरी व्हीकल स्क्रैपिंग फैक्ट्री, हर साल 15000 गाड़ियां होंगी रिसाइकल
Tata Motors starts third vehicle scrapping factory टाटा मोटर्स ने गुजरात के शहर में अपनी तीसरी registered vehicle scrapping facility (RVSF) की शुरुआत की है। यहां इसके संचालक के लिए कंपनी ने श्री अंबिका ऑटो के साथ साझेदारी की है। इससे पहले कंपनी ने इसी साल मार्च में राजस्थान के जयपुर में पहली और इसके बाद ओडिशा के भुवनेश्वर में दूसरी फैक्ट्री शुरू की थी।
By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediUpdated: Sun, 24 Sep 2023 11:45 AM (IST)
नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। भारतीय बाजार में टाटा सबसे अधिक कारों की सेल करने वाली कंपनी में से एक है। आपको बता दें, वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने गुजरात के शहर में अपनी तीसरी registered vehicle scrapping facility (RVSF) की शुरुआत की है। यहां इसके संचालक के लिए कंपनी ने श्री अंबिका ऑटो के साथ साझेदारी की है।
हर साल 15 हजार से अधिक वाहनों की स्क्रैपिंग हो सकेगी
इससे पहले इस फैक्ट्री में कई कंपनियां के यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की स्क्रैपिंग की जाएगी, जिसका टाइम पूरा हो गया है। इससे पहले कंपनी ने इसी साल मार्च में राजस्थान के जयपुर में पहली और इसके बाद ओडिशा के भुवनेश्वर में दूसरी फैक्ट्री शुरू की थी। इसके कारण हर साल 15 हजार से अधिक वाहनों की स्क्रैपिंग हो सकेगी।
अत्याधुनिक फैक्ट्री का नाम 'रिसाइकल विद रिस्पेक्ट' (Re.Wi.Re) है
टाटा मोटर्स ने बताया कि इस अत्याधुनिक फैक्ट्री का नाम 'रिसाइकल विद रिस्पेक्ट' (Re.Wi.Re) है और इसकी प्रति वर्ष की 15 हजार से अधिक वाहनों की स्क्रैपिंग की क्षमता है। यह सुविधा वाणिज्यिक और यात्री वाहनों के लिए सेल प्रकार और लाइन प्रकार के निस्तारण प्रक्रिया के साथ डिजिटलीकरण और दक्षता बढ़ाने में काफी मददगार होगी।फैक्ट्री में विशेष स्टेशन बनाए गए हैं
इसके अलावा टायर , बैटरी, फ्यूल, ऑयल, गैस सहित वाहन कंपोनेंट को खत्म करने के लिए फैक्ट्री में विशेष स्टेशन बनाए गए हैं। क्या है वाहन स्क्रैपेज नीति ? चलिए आपको इसके बारे में और जानकारी देते हैं।वाहन स्क्रैपेज नीति
देश में वाहन स्क्रैपेज नीति को मार्च, 2021 में पेश किया गया था। इसके अनुसार , 15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों और 20 साल से अधिक पुराने यात्री वाहनों को स्क्रैप कराना जरूरी है। इन मानदंडों को पूरा करने वाले वाहनों को ब्रेक गुणवत्ता और इंजन प्रदर्शन और जैसे महत्वपूर्ण कारकों का मूल्यांकन करते हुए फिटनेस और उत्सर्जन टेस्ट से गुजरना पड़ता है। अगर वे इस टेस्ट में विफल हो जाते हैं तो उन्हें सड़क पर चलने के लिए अनुपयुक्त माना जाता है।
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