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Tesla भारत से 1.9 अरब डॉलर के कंपोनेंट खरीदने का कर रही प्लान, केंद्रीय मंत्री Piyush Goyal ने दी जानकारी

Tesla भारत से पिछले साल के 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इस साल लगभग 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कंपोनेंट की खरीद पर विचार कर रही है। गोयल ने कहा कि भारत उन्हें अच्छा कारोबारी माहौल कौशल प्रबंधकीय प्रतिभा एक बड़ा बाजार और 1.4 अरब लोगों द्वारा उत्पन्न मांग प्रदान करता है। उन्होने कहा कि यह एक नियम-आधारित अर्थव्यवस्था है।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Wed, 13 Sep 2023 07:18 PM (IST)
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Tesla इस साल लगभग 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कंपोनेंट की खरीद पर विचार कर रही है।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर Piyush Goyal ने बुधवार को कहा कि अमेरिका स्थित इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता Tesla भारत से पिछले साल के 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इस साल लगभग 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कंपोनेंट की खरीद पर विचार कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आगे चलकर इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ेगी और इससे क्षेत्र की वृद्धि को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। आइए, पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।

Tesla बढ़ाएगी भारत से खरीद

ACMA के वार्षिक सत्र में बोलते हुए Piyush Goyal ने कहा-

मुझे लगता है कि टेस्ला ने पिछले साल ही यहां बैठे आप सभी लोगों से एक अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदे थे... मेरे पास उन कंपनियों की सूची है, जो टेस्ला को आपूर्ति करती हैं। इस साल उनका लक्ष्य लगभग 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर या 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।

चीन प्लस वन रणनीति पर क्या बोले पीयुष?

जब उनसे चीन प्लस वन रणनीति के तहत भारत में निवेश करने की इच्छुक विदेशी कंपनियों के बारे में पूछा गया, तो गोयल ने कहा कि वैश्विक कंपनियां इसके आकर्षण के कारण भारत आ रही हैं। उन्होने कहा कि मैं चीन प्लस वन सिद्धांत को पूरी तरह से खारिज करता हूं। ये वह चीज नहीं है, जो भारत को आगे बढ़ाएगी। उन्होने कहा कि आज का भारत अपने पैरों पर खड़ा है और आज के भारत के पास बाकी दुनिया के लिए निवेश के लिए भी संभावनाएं हैं।

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गोयल ने कहा कि भारत उन्हें अच्छा कारोबारी माहौल, कौशल, प्रबंधकीय प्रतिभा, एक बड़ा बाजार और 1.4 अरब लोगों द्वारा उत्पन्न मांग प्रदान करता है। उन्होने कहा कि यह एक नियम-आधारित अर्थव्यवस्था है। ये एक युवा लोकतंत्र होने के साथ-साथ सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह सब इसे एक अनिवार्य निवेश गंतव्य बनाता है। इसलिए दुनिया भर की कंपनियां चीन-प्लस-वन कहानी से आगे निकल गई हैं।

देश में ईवी को मिल रहा बढ़ावा

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक ऑटो उद्योग दुनिया भर में बढ़ रहा है, भारत में भी वृद्धि देखी जाएगी। उदाहरण के लिए टैक्सियों और सार्वजनिक परिवहन बसों में, भारत पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों को एक बहुत ही अनिवार्य निवेश मामला बनता हुआ देख रहा है उन्होंने कहा कि जैसे ही हमें बड़े पैमाने पर उत्पादन मिलेगा, हम पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का लाभ लेना शुरू कर देंगे।

एजेंसी इनपुट के साथ।