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बैटरी की क्वालिटी को लेकर सरकार सख्त, 1 अक्टूबर से EV बनानी वाली कंपनियों की मन-मौजी ठप्प

भारत सरकार द्वारा बनाई गई स्पेशल टीम के आधार पर MoRTH ने इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स क्वाड्रिसाइकिल और 4-व्हीलर्स के लिए AIS 156 सेफ्टी स्टैंडर्ड में अपडेट जारी किया है। बैटरियों के लिए नए नियम को 1 अक्टूबर से लागू होना है।

By Atul YadavEdited By: Updated: Wed, 21 Sep 2022 03:13 PM (IST)
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ईवी बनाने वाली कंपनियां अभी तक नहीं तैयार
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इस साल के शुरूआत से ही इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं। जिसके बाद से ईवी लेकर लोगो के मन में अविश्वास पैदा हो गया। जैसा कि सरकार ईवी को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। ठीक उसी तरह से सरकार चाहती है कि लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल पर भरोसा करें। इसी क्रम में 1 अक्टूबर से ईवी में लगने वाली बैटरी की क्वालिटी को लेकर सरकार नया नियम लाने जा रही है।

रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री बैटरी की गुणवक्ता को बढ़ाने के लिए यह 1 अक्टूबर से लागू करने जा रही है। ये नियम मौजूदा बैटरी सेफ्टी स्टैंडर्ड में कुछ अपडेट के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए तैयार किए गए हैं। सरकार ने बैटरी में आग लगने के मामलों की जांच के लिए एक स्पेशल कमिटी बनाई थी। इस स्पेशल कमिटी के रिपोर्ट के आधार पर MoRTH ने इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स, क्वाड्रिसाइकिल और 4-व्हीलर्स के लिए AIS 156 सेफ्टी स्टैंडर्ड में अपडेट जारी किया है।

ईवी निर्माता ओडिसी इलेक्ट्रिक का बयान

ओडिसी इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ नेमिन वोरा का कहना है कि ईवी बैटरियों के लिए नए सुरक्ष मानकों की घोषणा सरकार का अच्छा और स्वागत योग्य कदम है। सरकारी कार्रवाई से आम जनता का इलेक्ट्रिक वीकल में भरोसा बढ़ेगा, जिससे देशभर में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वीकल के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा। ये इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही ईवी इंडस्ट्री मार्केट के भविष्य के लिए भी बेहतरीन है।

ईवी निर्माताओं को मिला कम टाइम

कई इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि सरकार ने नए मानक को लागू करने के लिए काफी कम समय दिया है। नेमिन वोरा का कहना है कि सरकार को ईवी कंपनियों के लिए कम से कम 3 महीने का समय देने पर विचार करना चाहिए। क्योंकि, इसके लिए बैटरी और वाहन में कई जरूरी अपडेट करना अनिवार्य है, जोकि इतने कम समय में करना मुश्किल भरा काम है।