अगस्त 2024 में घट सकती है Passenger Vehicles की बिक्री, टू-व्हीलर सेल में बढ़ोतरी का अनुमान
आगामी त्योहारी अवधि से पहले डीलरों द्वारा इन्वेंट्री बनाने के कारण थोक बिक्री खुदरा बिक्री से ज्यादा रहने की उम्मीद है। घरेलू बाजार में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की बिक्री में लगभग तीन प्रतिशत की मामूली गिरावट आने की संभावना है। कुल मिलाकर रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 2024-25 के अगस्त महीने आटोमोबाइल उद्योग की बिक्री में एक मिश्रण देखने को मिलेगा।
एएनआई, नई दिल्ली। अगस्त महीने में दोपहिया वाहन उद्योग की वृद्धि दर आठ प्रतिशत रहने का अनुमान है। वेल्थ और इन्वेस्टमेंट फर्म नुवामा की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में दोपहिया वाहन की बिक्री में तेजी मुख्य रूप से मजबूत ग्रामीण मांग और शहरी बिक्री से प्रेरित है। अनुकूल मानसून ने ग्रामीण भावनाओं में सुधार किया है, जिससे भी बिक्री में तेजी आई है।
त्योहारी सीजन में बढ़ेगी बिक्री
आगामी त्योहारी अवधि से पहले डीलरों द्वारा इन्वेंट्री बनाने के कारण थोक बिक्री खुदरा बिक्री से ज्यादा रहने की उम्मीद है। घरेलू बाजार में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की बिक्री में लगभग तीन प्रतिशत की मामूली गिरावट आने की संभावना है।
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यात्री वाहन सेगमेंट में यह सुस्त प्रदर्शन पिछले साल त्योहारी सीजन की शुरुआत की वजह से हुआ है, जिसने उच्च आधार प्रभाव पैदा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, कमर्शियल वाहन उद्योग को घरेलू बाजार में वार्षिक वृद्धि में लगभग चार प्रतिशत की मामूली गिरावट का सामना करना पड़ सकता है।
पैसेंजर व्हीकल की घट सकती है बिक्री
कुल मिलाकर रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 2024-25 के अगस्त महीने आटोमोबाइल उद्योग की बिक्री में एक मिश्रण देखने को मिलेगा, जिसमें दोपहिया सेगमेंट में वृद्धि देखने को मिलेगी जबकि पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट को चुनौतियों को सामना करना पड़ेगा।
भारत के आटोमोबाइल बाजार में दोपहिया और यात्री कारों की हिस्सेदारी क्रमश: 75.3 प्रतिशत और 17.6 प्रतिशत है। यात्री कार की बिक्री में छोटी और मध्यम आकार की कारों का दबदबा रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में एसयूवी की बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 45,00,492 वाहनों का निर्यात किया, जिसमें से दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 76.8 प्रतिशत रही। इसी अवधि में यात्री वाहनों का निर्यात 6,62,891 यूनिट से बढ़कर 6,72,105 यूनिट पर पहुंच गया, जो 13.8 प्रतिशत की पॉजिटिव ग्रोथ दर्शाता है। भारत का लक्ष्य वर्ष 2024 के अंत तक अपने आटो उद्योग के आकार को दोगुना करके 15 लाख करोड़ रुपये करना है।
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