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ऑटोमैटिक कारों के ये 4 बड़े नुकसान, खरीदने से पहले जरूर जान लें ये बातें

ऑटोमैटिक कारों को चलाना काफी आसान होता है और इसे लग्जरी फीचर के रूप में भी देखा जाता है। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में कई कमियां भी होती हैं जिनके बारे में हर कार ओनर को पता होना चाहिए।

By Atul YadavEdited By: Updated: Sun, 09 Oct 2022 08:13 AM (IST)
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ऑटोमैटिक कारों के बारे में हर कार मालिक को जानना चाहिए

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ऑटोमैटिक कारों का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। कई लोग तो आने वाली धनतेरस और दिवाली पर ऑटोमैटिक कारों भी खरीदने का प्लान बना रहे हैं। इसलिए, आप सब के लिए आज हम ऑटोमैटिक कारों के नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं, ताकि आप खरीदने से पहले सचेत हो जाएं।

रिस्पॉन्स देने में देरी

ऑटोमैटिक कारों की सबसे बड़ी खराबी उसके देरी से रिस्पॉन्स देने की है। हालांकि, ये समस्या पहाड़ी इलाकों पर गाड़ी चलाते समय महसूस कर सकते हैं। क्योंकि, वहां आपको फटाफट टॉर्क स्पीड को चेंज करने की जरूरत होती है।

ऑटोमैटिक कारें होती हैं महंगी

ऑटोमैटिक कारें कीमत के लिहाज से भी महंगी होती हैं, यही वजह है कि लोग मैन्यूअल ट्रांसमिशन वाली कारों पर अब भी अधिक भरोसा करते हैं। हालांकि, आपको बता ऑटोमैटिक कारें थोड़ी एडवांस होती हैं, जिसके चलते ये महंगी होती हैं और भारतीय बाजार में धड़ल्ले से बिकती हैं।

ईंधन की अधिक होती है खपत

मैन्यूअल ट्रांसमिशन वाली गाड़ियों की तुलना में ऑटोमैटिक कारें अधिक तेल खाती हैं। इसलिए, ये गाड़ियां रनिंग कॉस्ट के मामले में भी महंगी साबित होती हैं। हालांकि, इस समय जो ऑटोमैटिक कारें आ रही हैं, उनमें माइलेज अच्छी मिलती हैं। पहले ऑटोमैटिक कारें मैन्यूअल की तुलना में 15 फीसद तक अधिक तेल खाती थी।

मेंटेनेंस कॉस्ट

ऑटोमैटिक कारों की रखरखाव में अधिक खर्च होता है। ऑटोमैटिक कारों में अधिक मूविंग पार्ट्स होते हैं, जिसके कारण जब आप इसको सर्विसिंग करवाने जाएंगे, तो मैन्यूअल की तुलना में अधिक पैसे लग सकते हैं। हालांकि, मैन्यूअल की तुलना में कुछ खास फर्क नहीं होता है।

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