Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

गोला-बारूद नहीं Rolls-Royce के इस इंजन ने जिताया World War II, युद्ध में ऐसे बना था हीरो

Merlin एक सुपरचार्ज्ड 12-सिलेंडर इंजन है जिसका विस्थापन 1649 क्यूबिक इंच (लगभग 27 लीटर) है। Rolls-Royce Merlin को सबसे पहले 1936 में बनाया गया था और इसका उत्पादन 1956 तक किया जाता रहा। आमतौर पर एक कार के इंजन को बमवर्षक विमान में नहीं उपयोग किया जा सकता है लेकिन मर्लिन ने उस समय अपना लोहा मनवाया था। आइए इसके बारे में जान लेते हैं।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Fri, 20 Oct 2023 08:30 PM (IST)
Hero Image
Rolls-Royce Merlin ने द्वितीय विश्व युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया की पॉपुलर वाहन निर्माता कंपनी Rolls-Royce का अतीत काफी गहरा है। इसके द्वारा बनाए गए इंजन ने विश्व युद्ध में बड़ी भूमिका निभाई थी। अपने इस लेख में हम Rolls-Royce Merlin के बारे में बात करने वाले हैं।

द्वितीय विश्व युद्ध से पहले और उसके दौरान के वर्षों में मर्लिन का कई रूपों में प्रोडक्शन किया गया था। इसका उपयोग कई विमानों के इंजन बे के अंदर किया गया था। आइए, जानते हैं कि कैसे इस शक्तिशाली इंजन ने अमेरिका को WWII के दौरान जीत दर्ज करने में मदद की।

Rolls-Royce Merlin कितना खास?

Merlin एक सुपरचार्ज्ड 12-सिलेंडर इंजन है, जिसका विस्थापन 1,649 क्यूबिक इंच (लगभग 27000 सीसी ) है। Rolls-Royce Merlin को सबसे पहले 1936 में बनाया गया था और इसका उत्पादन 1956 तक किया जाता रहा। मर्लिन इंजन को Hawker Hurricane और Aforementioned Spitfire जैसे विमानों में किया जाता था।

यह भी पढ़ें- यू ही नहीं Rolls Royce कहलाती... 100 सालों से अधिक का अनुभव और 44,000 से अधिक का कलर ऑप्शन

गोलियों की बौछार कराने में अहम योगदान

आमतौर पर एक कार के इंजन को बमवर्षक विमान में नहीं उपयोग किया जा सकता है, लेकिन मर्लिन ने उस समय अपना लोहा मनवाया था। लड़ाकू विमानों में लगाए गए इस इंजन को कई अलग-अलग ऊंचाइयों पर उच्चतम तनाव वाले वातावरण में काम करने के लिए समायोजित किया गया था। दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत से ही मर्लिन ने हाई एल्टीट्यूड पर स्पिटफायर में अच्छा प्रदर्शन किया।

Mustang का कलेजा था मर्लिन

Rolls-Royce Merlin की ताकत ने Mustang के लिए एक कलेजे का काम किया था। मर्लिन व्दारा मिलने वाले 1,695 एचपी की पावर की बदौलत मस्टैंग 437 मील प्रति घंटे की टॉप स्पीड अचीव करने में सक्षम था। इसका एक ऐसा ही एक रूपांतर मार्क वी था। ये मूल रूप से एक उड़ने वाली बंदूक ती, जिसे आठ मशीन गन या चार 20-मिलीमीटर तोप और चार मशीन गन ले जाने के लिए तैयार किया जा सकता था।