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इन 10 नई तकनीक ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को दी अलग पहचान, कितना बदला ड्राइविंग एक्सपीरिएंस

इस लेख में हम ऑटो इंडस्ट्री में शामिल हुई 10 नई तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होने कारों के कारोबार को नई दशा और दिशा दी है। सूची में कनेक्टेड कार तकनीक से लेकर ऑटोनोमस व्हीकल शामिल हैं।(फाइल फोटो)।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Thu, 15 Jun 2023 08:24 PM (IST)
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Top 10 Latest Car Technology Innovations that Made a Revolution in Auto Industry
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइ बाजार है। देश की ऑटो इंडस्ट्री में समय के साथ उतार-चढ़ाव होते रहते हैं। अपने इस लेख में हम ऑटो इंडस्ट्री में शामिल हुई 10 नई तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होने कारों के कारोबार को नई दशा और दिशा दी है। हमने अपनी इस सूची में ADAS से लेकर वायरलेस चार्जर जैसी एडवांस तकनीक को शामिल किया है।

एडास सिस्टम

एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम्स (ADAS) एक ऑटोमोबाइल तकनीक है जो ड्राइवरों को उनके वाहनों के संचालन में सहायता करती है। ये सिस्टम ड्राइवरों को उनके आसपास के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने और संभावित खतरों के बारे में चेतावनी देने के लिए सेंसर, कैमरे और एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं। इसकी मदद से एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन और ऑटोमेटेड पार्किंग जैसे फीचर का फायदा उठाया जा सकता है।

कनेक्टेड कार तकनीक

Connected mobile apps नई तकनीक का एक बड़ा उदाहरण है। कनेक्टेड कार ऐप ड्राइवरों को अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके वाहनों को दूर से नियंत्रित करने और निगरानी करने की अनुमति देते हैं। वहीं, इन ऐप्स के साथ ड्राइवर अपनी कारों को लॉक और अनलॉक कर सकते हैं, इंजन शुरू कर सकते हैं, क्लाइमेट कंट्रोल सेट कर सकते हैं और यहां तक ​​कि जीपीएस का उपयोग करके अपने वाहनों का पता लगा सकते हैं।

Digital Key

Digital Key धीरे-धीरे पारंपरिक चाबियों की आवश्यकता को समाप्त कर रही है। डिजिटल कुंजी को कार ड्राइवर अपने स्मार्टफोन पर संग्रहीत कर सकते हैं। इसकी मदद से आप फिजिकल चाबी की आवश्यकता के बिना ही अपने वाहन को एक्सेस और इसे चालू कर सकते हैं। ये नई कार तकनीक कार-शेयरिंग सेवाओं और किराये की कंपनियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।

रिमोट शटडाउन

इस तकनीक की मदद से कारों की होने वाली चोरी को काफी हद तक कम किया गया है। इसकी मदद से जीपीएस ट्रैकिंग और वायरलेस कम्यूनिकेशन के उपयोग के माध्यम से कारों के लिए रिमोट शटडाउन प्राप्त किया जाता है। ये एक ऐसी तकनीक है जो कार निर्माताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को चोरी या अन्य आपराधिक गतिविधि की स्थिति में वाहन को दूर से ही बंद करने में मदद करती है।

वायरलेस चार्जिंग

वायरलेस स्मार्टफोन कनेक्टिविटी हाल ही अपनाई गई तकनीक है, जो काफी पॉपुलर हो रही है। इसकी मदद से लोग अपने जरूरी उपकरणों को वायरलेस चार्जिंग की मदद से चार्ज कर सकते हैं। वहीं, ये तकनीक ड्राइवरों को अपने स्मार्टफोन को कार के इंफोटेनमेंट सिस्टम से आसानी से जोड़ने की अनुमति देती है।

360 डिग्री कैमरा

360 डिग्री कैमरा तकनीक ने कार ड्राइविंग को काफी आसान बना दिया है। इस तकनीक में कई कैमरा लेंसों का उपयोग करते हैं ताकि ड्राइवर को उनके वाहन के आस-पास की पूरी जानकारी मिल सके। कार पार्किंग करते समय 360-डिग्री कैमरे विशेष रूप से उपयोगी होते हैं, क्योंकि वे ड्राइवरों को उनके वाहन के बारे में चारो तरफ की स्तिथि के बारे में अवगत करा देते हैं।

ब्लाइंड स्पॉट मॉनीटर

ब्लाइंड-स्पॉट मॉनिटर वाहन के ब्लाइंड स्पॉट की निगरानी के लिए कैमरों और सेंसर का उपयोग करता है। जब वाहन किसी ब्लाइंड स्पॉट में जाता है तो ऐसी स्थिति में ब्लाइंड स्पॉट मॉनीटर ड्राइवर को चेतावनी देता है। लेन बदलते समय या एक्सप्रेसवे पर क्रूज करते समय ये मॉनिटर विशेष रूप से उपयोगी साबित होते हैं।

ऑटोनोमस व्हीकल

ऑटोनोमस व्हीकल (एवी) ऐसे वाहन हैं जो मानवीय हस्तक्षेप के बिना खुद को चलाने में सक्षम हैं। हालांकि इस तकनीक को पूरी तरह से विकसित होने में अभी काफी समय लगने वाला है। ये वाहन एडवांस सेंसर,सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम के उपयोग से काम करते हैं। आने वाले समय में ऑटोनोमस व्हीकल की मदद से सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का उपयोग वाहन के प्रदर्शन को बेहतर बनाने, सुरक्षा बढ़ाने और बेहतर ड्राइविंग एक्सपीरिएंस प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। कारों के लिए एआई में विभिन्न सेंसर और सोर्स की मदद से डेटा इकट्ठा करके एडवांस एल्गोरिदम और मशीन लर्निंग की मदद से ड्राइविंग को आसान बनाती है।

इलेक्ट्रिक वाहन

देश-विदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाया जा रहा है। ये वाहन एक इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होते हैं और इन मोटर को चलाने के लिए किसी भी तरह के फ्यूल की जरूरत नहीं पड़ती है।इसकी वजह से ये पारंपरिक ईंधन से चलने वाली कारों की तुलना में अधिक कुशल और लागत प्रभावी होती हैं।