भारतीयों को नहीं पसंद आईं ये 5 वाहन निर्माता कंपनियां, कई खूबियां होते हुए भी समेटना पड़ा कारोबार, क्या थी वजह
जनरल मोटर्स 1990 के दशक के मध्य में ओपल ब्रांड को भारत में लाया था। यह ओपल एस्ट्रा कोर्सा कोर्स स्विंग और अन्य कारों की पेशकश करने के लिए जाना जाता था। वहीं Hindustan Motors ने विशेष रूप से एंबेसडर के दम पर ख्याति प्राप्त की थी। (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत ऑटोमोबाइल बाजार में कई सारी बाइक और कार कंपनियों ने अपना हाथ अजमाया है। इनमें से कुछ कंपनियां अभी तक टिकी हुई हैं और इन्हे बड़ी सफलता भी हाथ लगी है। वहीं कुछ वाहन निर्माता कंपनियों कई कारणों की वजह से देश में अपने करोबार को समेटना पड़ा है। अपने इस लेख में हम भारत में आई ऐसी 5 कंपनियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अब इतिहास का हिस्सा हो गई हैं।
Daewoo Motors
सिएलो सेडान और माटिज़ हैचबैक जैसी कारों को पेश करने के बाद Daewoo ने भारत में इन्हें अच्छी संख्या में बेचा भी था। लेकिन ज्यादा दिनों तक कंपनी भारत में अपने कारोबार को जारी नहीं रख पाई। साल 2003-2004 में कंपनी नो भारत से अपना कारोबार समेटने का फैसला कर लिया था।
Fiat
दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोटिव समूहों में से एक, फिएट ने भारत में ज्यादा कार नहीं सेल कर पाईं। Fiat देश की कई कार निर्माता कंपनियों को इंजन प्रदान कराती थी। साल 2019 में कठोर BS6 उत्सर्जन मानदंडों और सुरक्षा मानकों के लागू होने से पहले फिएट ने भारत में अपना कारोबार खत्म कर दिया था।
Hindustan Motors
इंडियन मोबिलिटी के दिग्गजों में से एक Hindustan Motors ने विशेष रूप से एंबेसडर के दम पर ख्याति प्राप्त की थी। अपनी असफल बिक्री, खराब सर्विस और पुराने कैटलॉग के कारण 2014 में इसका संचालन बंद हो गया था।
LML
कानपुर स्थित इस दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी ने शुरुआत में सफलता हासिल की थी। बाद के समय में खराब बिक्री के कारण 2018 में कंपनी के शटर बंद हो गए। अभी खबर है कि एलएमएल 2023 में दोपहिया इलेक्ट्रिक ब्रांड के रूप में वापस आने के लिए तैयारी कर रहा है।
Opel (GM)
जनरल मोटर्स 1990 के दशक के मध्य में ओपल ब्रांड को भारत में लाया था। यह ओपल एस्ट्रा, कोर्सा, कोर्स स्विंग और अन्य कारों की पेशकश करने के लिए जाना जाता था। हालांकि, ओपल ने कभी भी महत्वपूर्ण सफलता का स्वाद नहीं चखा और जीएम के 2017 में भारत से बाहर जाने के साथ इसे भी अपना कारोबार समेटना पड़ा।