Union Budget 2024: साल 2018 से लेकर पिछले बजट में ऑटोमोबाइल सेक्टर को क्या मिली थी सौगात
आम चुनाव जीतने के बाद तीसरी बार बनी मोदी सरकार फिर से Budget पेश करने जा रही है। सरकार की ओर से ऑटोमोबाइल जगत को पिछले साल 2018 से पांच बजट और एक फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट 2024 में क्या सौगात दी गई थीं। साथ ही इस बजट से ऑटोमोबाइल सेक्टर को किस तरह की उम्मीदें हैं। आइए जानते हैं।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। कुछ देर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Budget 2024 को पेश करेंगी। लेकिन सरकार की ओर से पिछले बजटों में ऑटोमोबाइल सेक्टर को किस तरह की सौगात दी गई हैं। फरवरी 2024 में पेश किए गए अंतरिम बजट में इस सेक्टर को क्या दिया गया था। हम इस खबर में आपको बता रहे हैं।
अंतरिम बजट 2024 में क्या मिला
एक फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया था। जिसमें सरकार का फोकस इलेक्ट्रिक वाहनों पर था। अपने भाषण में वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है और इस बात की भी कोशिश की जा रही है कि देशभर में सार्वजनिक परिवहन के तौर पर उपयोग होने वाली बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदला जाए। साथ ही सरकार का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर भी था। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने कहा था कि ईवी के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना उद्देश्य है जिसके साथ सरकार आंत्रप्रेन्योरशिप को भी बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।
साल 2023 के बजट में क्या था खास
साल 2023 के आम बजट से ऑटोमोबाइल सेक्टर को कई चीजें मिलीं। सरकार का फोकस ग्रीन एनर्जी पर था और सरकार ने जानकारी दी थी कि 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत पांच एमएमटी का उत्पादन किया जा सकता है। इस लक्ष्य के साथ ही सरकार ने उम्र पूरी कर चुके वाहनों के स्क्रैप पर भी अहम घोषणा की थी। ईवी को सस्ता करने के साथ ही सरकार की ओर से सीकेडी, सीबीयू, ईवी सीबीयू को महंगा करने की जानकारी भी दी गई थी।
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2022 के बजट में क्या था खास
साल 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने बजट में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का एलान किया था। इसमें निजी कंपनियों को बैटरी स्वैपिंग स्टेशन और तकनीक को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।
2021 के बजट में क्या हुई थी घोषणा
ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए 2021 के बजट में सरकार ने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी का एलान किया था। साथ ही कई राज्यों में हाइवे के निर्माण और स्टील उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने की बात भी कही गई थी।
2020 के बजट में क्या था खास
साल 2020 को सबसे ज्यादा कोरोना महामारी के लिए जाना जाता है। इस साल ऑटोमोबाइल सेक्टर की स्थिति काफी खराब हुई थी क्योंकि देश और दुनियाभर में लॉकडाउन लगा था। ऐसे में सरकार की ओर से बजट में कोई खास एलान नहीं किया गया था।
2019 में बजट में क्या था खास
साल 2019 में भी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही थी। ऐसे में जीएसटी को 12 फीसदी से कम करते हुए पांच फीसदी किया गया था। साथ ही 10 हजार करोड़ रुपये आंवटित किए गए थे।
2018 के बजट में क्या मिला
तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भारत माला प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने की बात कही थी और 35 हजार किलोमीटर सड़कों को बनाने का काम तेज करने की बात कही थी। साथ ही यह भी जानकारी दी थी कि सरकार की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
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