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इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले आयात शुल्क को लेकर बहस बर​करार, अब फॉक्सवैगन ने उठाए सवाल

जर्मन कार निर्माता फॉक्सवैगन ने रॉयटर्स को बताया कि वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों लगने वाले आयात शुल्क को अगर 25% तक कम कर दिया जाए। तो य​ह घरेलू निर्माताओं के बड़ा खतरा नहीं होगा लेकिन कटौती का यह आंकड़ा निवेश को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

By BhavanaEdited By: Updated: Thu, 12 Aug 2021 07:36 AM (IST)
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इस विषय ने देश के ऑटो उद्योग को दो भागों में विभाजित कर दिया है।
नई दिल्ली, रॉयटर्स। Volkswagen on Import Duty: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता फॉक्सवैगन भारत में इलेक्ट्रिक कारों पर कम आयात शुल्क को लेकर चर्चा में है। आपको याद होगा हाल ही में टेस्ला ने भारत में ईवी पर लगने वाले आयात शुल्क को ज्यादा बताया था। जिसका समर्थन हुंडई ने तो किया लेकिन टाटा मोटर्स और ओला इलेक्ट्रिक इसके विपरित नजर आए। यानी यह कहना गलत नहीं होगा कि इस विषय ने देश के ऑटो उद्योग को दो भागों में विभाजित कर दिया है।

25 प्रतिशत की कटौती भी देगी फायदा

जर्मन कार निर्माता फॉक्सवैगन ने रॉयटर्स को बताया कि वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों लगने वाले आयात शुल्क को अगर 25% तक कम कर दिया जाए। तो य​ह घरेलू निर्माताओं के "बड़ा खतरा" नहीं होगा। लेकिन कटौती का यह आंकड़ा निवेश को बढ़ावा देने में मदद करेगा। स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर गुरप्रताप बोपाराय ने कहा, "निवेश के लिए ईवी का बाजार काफी बड़ा होना चाहिए और इसके लिए हमें बाधाएं नहीं डालनी चाहिए।"

सरकार टेस्ला की अपील के बाद कर रही चर्चा

बोपाराय ने कहा कि जर्मन कार निर्माता अपने फॉक्सवैगन और स्कोडा ब्रांडों से भारत के लिए ईवी की खोज कर रहा है, लेकिन इसके लिए कम आयात शुल्क और लंबी अवधि की सब्सिडी को ध्यान में रखने की आवश्यकता होगी। वहीं चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भी इसके निर्णय को प्रभावित करेगा। भारत ईवी सहित पूरी तरह से निर्मित आयातित कारों पर 100% तक कर लगाता है, लेकिन सरकार टेस्ला इंक की कटौती की अपील के कुछ दिनों बाद दरों को 40% तक कम करने के प्रस्ताव पर चर्चा कर रही है।

बोपाराय ने कहा, "मैं यह बिल्कुल नहीं कह रहा हूं कि स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए ... लेकिन इस समय 60% और 100% का शुल्क अधिक है।" जानकारी के लिए बता दें, फॉक्सवैगन का लक्ष्य 2025 तक टेस्ला को दुनिया के सबसे बड़े ईवी निर्माता के रूप में पछाड़ना है।