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Battery swapping policy: बैटरी चार्ज करने की झंझट होगी खत्म, जानें बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के फायदे

इस नीति को लागू होने के बाद से जो सबसे बड़ा फायदा होगा वो है समय। क्योंकि बैटरी की अदला बदली में काफी कम समय लगता है वहीं ईवी चार्जिंग में कई घंटे लग जाते हैं। (जागरण फोटो)

By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Mon, 19 Jun 2023 08:00 PM (IST)
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क्या होता है बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी, जानें इसके फायदे

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। साल 2022 में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी बहुत चर्चित विषय था, क्योंकि बजट 2022 पेश करते समय यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि ईवी को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्दी बैटरी स्वैपिंग नीति को लागू करेगी। यह स्वैपिंग नीति है क्या और इससे ईवी यूजर को क्या फायदा मिलने वाला है, इसके बारे में इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं, ताकि भविष्य में अगर आप के ईवी का प्रयोग करते हैं तो आपको इसके फायदे के बारे में जरूर पता होना चाहिए।

क्या होता है बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी

बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी एक प्रकार की ऐसी निति है, जिसका उद्देश्य ईवी यूजर्स की समय, धन और रेंज एन्जॉयटी का ध्यान रखना है। बैटरी स्वैपिंग एक विकल्प है, जिसमें चार्ज की गई बैटरी को डिस्चार्ज की गई बैटरी से ईवी मालिक एक्सचेंज कर सकते हैं। बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के तहत ईवी यूजर को जगह-जगह बैटरी स्वैपिंग मशीन मिलेगी, जहां वह अपनी समाप्त बैटरी को निकाल कर चार्ज में लगा सकते हैं और वहीं एक चार्ज बैटरी को अपनी व्हीकल में लगा सकते हैं। भारत में कुछ कंपनियां हैं जो यहां स्वैपिंग स्टेशंस चला रहे हैं वहीं कई कंपनियां इसके सेटअप के लिए भारी निवेश कर रही हैं।

सिर्फ छोटी ईवी को मिलेगा फायदा?

बैटरी स्वैपिंग निति केवल छोटी गाड़ियों के लिए ही अवेलबल होगा, जिसे खासतौर पर इस पॉलिसी के तहत बैटरी की अदला-बदली का उपयोग छोटे वाहनों, जैसे कि दो-पहिया और तिपहिया वाहनों में सबसे अधिक किया जाएगा। क्योंकि इन गाड़ियों में छोटी बैटरी होती है जो अन्य ऑटोमोटिव सेगमेंट की तुलना में स्वैप करना आसान होता है।

बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी से कितना फायदा?

भारत में अभी ईवी इंडस्ट्री नया है और लोग अपनी ईवी को चार्ज करने के लिए मसक्कत कर रहे हैं। ऐसे में इस निति के तहत बहुत सारे स्टार्टअप्स इसमें निवेश करके जगह-जगह स्वैपिंग स्टेशंस लगाएंगे। बैटरी स्वैपिंग जगह-जगह लग जाने से लोगों का समय बचेगा, क्योंकि ईवी चार्ज करने में जहां 5-6 घंटे का समय लगता है, वहीं स्वैपिंग करके आप 4-5 मिनट में अपनी व्हीकल को फिर से उसी उर्जा के साथ सड़क पर निकल सकते हैं। बैटरी स्वैपिंग प्रक्रिया से बैटरी खत्म होने की चिंता, चार्जिंग प्वाइंट को खोजना और नए बैटरी पैक खरीदने में लगने वाली लागत से बचाता है, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल यूजर्स के जेब पर अधिक भार नहीं जाता है।

इस पॉलिसी से ईवी सेक्टर पर क्या पड़ेगा प्रभाव?

स्वैपिंग कारोबार के विकसित होने पर इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदार बिना बैटरी के स्कूटर खरीद सकेगा और बैटरी स्वैपिंग सेंटर पर जाकर मामूली कीमत देकर किराए पर बैटरी लेकर स्कूटर या अन्य इलेक्ट्रिक वाहन चला सकेगा। इस नीति को लागू होने के बाद से जो सबसे बड़ा फायदा होगा वो है समय। क्योंकि बैटरी की अदला बदली में काफी कम समय लगता है, वहीं ईवी चार्जिंग में कई घंटे लग जाते हैं। इससे लोगों का भरोसा ईवी की तरह तेजी से बढ़ेगा और ईवी की डिमांड तेजी से बढ़ जाएगी।