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क्या होता है PDI? गाड़ी खरीदते समय शोरूम में ऐसे चेक करें अपनी कार

अगर गाड़ी पर कोई वारंटी मिल रही है तो उसका प्रूफ यानी वारंटी कॉपी कैरी जरूर करें। इसके अलावा गाड़ी में लगी एक्सेसरीज जैसे- रोड साइड एसिस्टेंस (आरएसए) कॉपी ऑनर मैन्यूअल और सर्विस बुकलेट पॉल्यूशन सर्टिफिकेट आदि को क्रास चेक कर लें। (जागरण फोटो)

By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Tue, 21 Feb 2023 05:09 PM (IST)
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जानिए क्या होता है प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। कड़ी मेहनत के बाद जो पैसे इकट्ठे होते हैं, उससे एक आम आदमी गाड़ी खरीदता है। सोचिए, अगर उसकी एक लापरवाही से डिफेक्टेड गाड़ी घर आ जाए तो कितनी तकलीफ होगी? दरअसल, जो पहली बार गाड़ी खरीदने जाता है उसको गाड़ी से जुड़ी तमाम जरूरी बातें नहीं पता होती हैं और वह पैसा देकर गाड़ी अपने घर लेकर चला जाता है।

गाड़ी खरीदते समय शोरूम से गाड़ी की डिलीवरी लेने से पहले कुछ जांच करनी होती है, इसे प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन कहते हैं। हम इसी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

क्या होता है प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI)

अधिकांश खरीदार प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) से परिचित नहीं होते हैं। प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन में गाड़ी की डिलीवरी लेने से पहले उन सभी चीजों की जांच की जाती है, जिसके लिए डीलर से बात हुई हो या फिर जो दावा किया गया हो। इसके अलावा इंस्पेक्शन के दौरान को ग्राहक को काफी चौकन्ना रहना चाहिए और गाड़ी के एक्सटीरियर, इंटीरियर और वायर्स के अलावा अन्य पुर्जों की जांच करनी चाहिए।

गाड़ी का प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन क्यों जरूरी?

एक कस्टमर होने के नाते ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने हिस्से का काम जिम्मेदारीपूर्वक करें। गाड़ी खरीदते समय गाड़ी के बारे में उसका मॉडल क्या है, कीमत कितनी है, एक्सेसरीज कौन-कौन सी मिलेंगी, रोड टैक्स कितना लगेगा। फाइनेंस सुविधा में क्या लाभ मिलेगा, इन सारी चीजों के बारे में तसल्लीपूर्वक एजेंट से जरूर पता करें।

डॉक्युमेंट्स को करें क्रॉस चेक

इसके अलावा, गाड़ी का इंश्योरेंस मिलने के बाद उसमें लिखी डिटेल्स को जरूर क्रॉसचेक करें, जिसमें गाड़ी का वैरिएंट, इंजन, चेसी नंबर आदि शामिल हैं। रोड टैक्स रजिट्रेशन की कॉपी लेना न भूलें। इसके साथ गाड़ी का नंबर पाने के बाद ही शोरूम से अपनी गाड़ी बाहर ले जाएं।

अगर गाड़ी पर कोई वारंटी मिल रही है तो उसका प्रूफ यानी वारंटी कॉपी कैरी जरूर करें। इसके अलावा, गाड़ी में लगी एक्सेसरीज जैसे- रोड साइड एसिस्टेंस (आरएसए) कॉपी, ऑनर मैन्यूअल और सर्विस बुकलेट, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट आदि को क्रास चेक कर लें।

क्विक लुक के समय इन चीजों को न करें नजर अंदाज

गाड़ी में लगी कुछ ऊपरी चीजें भी हैं, जिसे आपको वॉक करते हुए चेक करना चाहिए। जैसे- गाड़ी का टायर, पार्किंग सेंसर, म्यूजिक सिस्टम, बैटरी आदि। सुनिश्चित करें ये की ये सारे पार्ट्स सही तरीके से काम कर रहे हों और मजबूती से बंधे हुए हों।

कई बार कुछ जगहों पर गाड़ी के साथ छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज हुई है, ऐसे में आप इसके शिकार न हों। बेहतर है कि गाड़ी खरीदते समय कुछ अतिरिक्त सतर्कता बरतें। उदाहरण के तौर पर- गाड़ी के शीशे, खिड़कियों और दरवाजों पर एक बारकोड चिपका हुआ होता है, जिस पर कुछ नंबर लिखे होते हैं। चेक करें कि वो सभी नंबर एक दूसरे से मिल रहा हो। अगर ऐसा नहीं है तो समझ जाइए कि गाड़ी के साथ छेड़छाड़ की गई है।

गाड़ी के दरवाजों और डैशबोर्ड के आसपास लगे स्क्रू को जरूर चेक करें, इसके अलावा पेंटिंग के कलर पर भी ध्यान दें। अगर गाड़ी की साथ कोई छेड़छाड़ हुई है तो स्क्रू के आकार में बदलाव देखने को मिलेंगे और पेंट का टोन भी बदला हुआ मिलेगा।

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