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BS4 और BS6 स्टैंडर्ड में क्या है अंतर, आपकी गाड़ी के लिए इनकी क्या है अहमियत

भारत में तेजी से प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।दिन पर दिन प्रदूषण की परिस्थिति भी बिगड़ते जा रही है।आज हम BS4 और BS6 के बीच का अंतर लेकर आए हैं जिसे पढ़कर आपकी सारी कंफ्यूजन दूर हो जाएगी।

By Ayushi ChaturvediEdited By: Updated: Fri, 04 Nov 2022 03:06 PM (IST)
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BS4 और BS6 दोनों के बीच क्या है अंतर

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क।  BS4 vs BS6: भारत में पर्यावरण वन मंत्रालय और जलवायु परिवर्तन के तहत CPCB (Central pollution Control Board) दो दशक पहले, 2000 में इंजन से वायु प्रदूषण के उत्पादन के देखने के लिए Bharat Stage Emission Standards (BSES) की शुरुआत की थी। ये पूरी तरह से यूरोपीय मानकों के आधार पर बेस्ड है।

इन मानदंडों के लिए वाहन निर्माता कंपनियों को बीएसईएस द्वारा निर्धारित उत्सर्जन परीक्षण पास करने वाले इंजन बनाने की जरुरत होती है। जबकि तेल कंपनियों से कम सल्फर सामग्री सुनिश्चित करने के लिए ईंधन को परिष्कृत करने की उम्मीद की जाती है। आपको बता दे 2016 में भारत सरकार ने ये घोषणा कि की बीएस 5 में कदम रखने के बजाय वे सीधे बीएस 6 से शुरू करेंगे। चलिए BS4 और BS6 के बीच के अंतर को समझते है। 

BS4 

इसे 2017 में लागू किया गया था और पिछले BS3 मानदंडों की तुलना में ये काफी सख्त थे वहीं रिपोर्ट के अनुसार इससे ईंधन में सल्फर सामग्री और नाइट्रोजन ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन और पार्टिकुलेट मैटर की कमी हुई। BS4 मानदंडों के अनुसार, पेट्रोल से चलने वाले यात्री वाहनों से प्रदूषण 1.0 g/km के कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन और 0.18 g/km के हाइड्रोकार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड के डिसार्ज और 0.025 के श्वसन योग्य सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर डिस्चार्ज तक ही सीमित थे। 

BS6 

दूसरी ओर BS6 एक पेट्रोल वाहन से नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) उत्सर्जन की अधिकतम अनुमेय सीमा 60mg प्रति किमी निर्धारित करता है जबकि BS4 मानदंडों के अनुसार, यह 80mg प्रति किमी था। वहीं आपको बता दे पेट्रोल वाहनों के लिए पीएम की सीमा 4.5 मिलीग्राम प्रति किमी से कम है, जबकि डीजल ईंधन वाले वाहनों के लिए, बीएस 6 मानकों के तहत एनओएक्स उत्सर्जन की सीमा 80 मिलीग्राम प्रति किमी ही निर्धारित की गई है। तुलना के अनुसार BS6 ने सामान्य से ऊपर की सीमा 250 mg प्रति किमी निर्दिष्ट की थी। 

डीजल वाहनों के लिए मानदंड 

वहीं डीजल वाहन के लिए तुलनात्मक रूप से, BS4 मानदंडों ने समान ऊपरी सीमा 250 mg प्रति किमी निर्दिष्ट की थी।BS6 मानदंड हाइड्रोकार्बन + NOx उत्सर्जन को 170 mg प्रति किमी पर रखते हैं, जो BS4 मानदंडों के तहत निर्धारित 300 mg प्रति किलोग्राम से काफी कम है। इतना ही नहीं डीजल और पेट्रोल दोनों वाहनों के लिए पीएम की सीमा 4.5 मिलीग्राम प्रति किमी रखी गई है जो पहले बीएस 4 मानकों के तहत डीजल वाहनों के लिए 25 मिलीग्राम प्रति किमी निर्धारित की गई थी। 

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