Golden Hour के बारे में कितना जानते हैं आप? रोड सेफ्टी के लिए क्या है इसकी अहमियत
भारत में सड़क हादसे से हर साल कई लोगों की मौत होती है।जिसका एक्सीडेंट होता है उनको सही समय पर मदद का हाथ मिल जाए तो उनको जिंदगी दोबारा मिल जाती है। क्या आप जानते हैं Golden Hour का मतलब।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में प्रत्येक दिन सड़क हादसों की सूचना मिलती रहती है, जिसमें लोग इसके शिकार होते है। कुछ लोग बच जाते हैं तो कुछ की मौत हो जाती है। लेकिन इस जिन्दगी और मौत की लड़ाई के जंग में एक होता है गोल्डन ऑवर। क्या आप जानते हैं जो भी दुर्घटना का शिकार होता हैं उसके लिए ये ऑवर बहोत किमती होता है। आज हम आपको इसी गोल्डन ऑवर के बारें में कुछ प्रमुख बातें बताने जा रहे है।
हादसा होने के बाद क्या करें
अगर आप सड़क पर कहीं जा रहे हैं और आपके सामने की कुछ हादसा हो जाए तो आपको उसकी जरुर अपनी ओर से हर संभव मदद करनी चाहिए ताकि उनकी जिंदगी अपनी दोबारा मिल जाए। मरीज को अस्पताल पहुंचाने में जितना समय लगता है, उसके बचने की उम्मीद कम हो जाती है। इसलिए जितनी जल्दी हो सकते आपको आस -पास के अस्पताल में समय रहते ही लेकर निकल जाना चाहिए ।
क्या होता है गोल्डन ऑवर
अगर हादसा होने के बाद अगले एक घंटे के अंदर मरीज को इलाज नहीं मिलता तो उसके बचने के चांस काफी कम होने लगते है. इस समय काफी उम्मीद की जाती है। हादसे के बाद के पहले एक घंटे को ही गोल्डन ऑवर कहते है।
क्यों होती है इसकी जरुरत
जब किसी का एक्सीडेंट होता है तो उसके शरीर से काफी खून बह जाता बै। जान बचाने के लिए उस खून को रोकना काफी जरुरी होता हौ। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक आने की संभावना भी अधिक होती है। इस स्थिति में ये गोल्डन ऑवर काफी महत्वपूर्ण होता है और उस इंसान के लिए उतने ही कीमती होते है।
ये भी पढ़ें-