कार के शीशे में लगे Red Line देते हैं कुछ खास संकेत, कहीं खतरे की घंटी तो नहीं; जानें इसके पीछे की वजह
हमारे बीच कुछ ऐसी बेसिक चीजें होती है जिसके बारें में जानना काफी जरुरी होता है। आज हम आपको कार के पीछे के शीशे में रेड लाइन (Red Line) के बारें में बताने जा रहे हैं। लेकिन इसके पीछे क्या वजह है कि कंपनी लाल रंग ही देती है।
नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। हमारी कार में कुछ ऐसी चीजें होती है जिसके बारें में जानना काफी जरूरी होता है। क्या आपने कभी ध्यान दिया है कार के पीछे वाले शीशे पर जो रेड लाइन होती है वो आखिर क्यों होती है। आज हम आपके लिए इसका मतलब और इसे क्यो लगाया जाता है इसके बारें में बताने जा रहे हैं।
क्या होती है इसके पीछे की वजह
आज के समय में कार में सफर करना काफी आम बात हो गई है। चाहें वो पर्सनल कार हो या फिर किराए की, लेकिन कोई ऐसी चीज होती है, जिसके बारें में आप नहीं जानते है उसमे से एक ये भी है। कार में रेड लाइन क्या होती है? ये लाइन्स सभी कारों में नहीं होती सिर्फ़ कुछ कारों में ही दी गई होती है। लेकिन इसके पीछे क्या वजह है कि कंपनी लाल रंग ही देती है।
दुर्घटना से बचाती है
वाहन निर्माता कंपनियां गाड़ी के पीछे के शीशे में रेड लाइन इसलिए देती है, ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से पैसेंजर्स को बचाया जा सकें। सर्दियों के मौसम में जब गाड़ी के पीछे वाले शीशे पर फॉग जमा हो जाता है और ड्राइवर को पीछे नहीं दिखाई देता है तब वह स्टेरिंग के पास दिए गए बटन को दबा देता है, जिससे पीछे की रेड लाइन कनेक्ट होती है। इससे वो हिट होने लगती है। क्योकि उन लाइट्स से इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई होती है। इसके गर्म हो जानें से फॉग अपने आप कम हो जाता है और पीछे दिखाई देना शुरू होता है।
रेड लाइन दूर से दिखाई देता है
लाल रंग एक ऐसा कलर होता है जो दूर से दिखाई देने लगता है। ये आपने नोटिस किया होगा कि लाल रंग को खतरे की घंटी कहते हैं। कार के पीछे जो लाइट दी गई होती है वह लाल कलर की ही होती है, जो ये सूचीत करता है कि आगे खतरा होता है। मतलब गाड़ी की रफ्तार धीमी कर लेनी चहिए। यातायात में इसका मतलब ये होता है कि आपको अपनी स्पीड धीमी कर लेनी चाहिए या फिर रोक देना चाहिए ।
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