स्ट्रांग हाइब्रिड कारें Mild Hybdrid से कितना बेहतर? आसान भाषा में समझें
खैर शुरुआत के लिए एक स्ट्रांग-हाइब्रिड पूरी तरह से ईवी मोड पर चल सकता है भले ही इसकी निश्चित तय सीमा हो। लोड और बैटरी स्तर के आधार पर हाइब्रिड सिस्टम ऑटोमैटिक रूप से ICE और हाइब्रिड मोड के बीच स्विच करता है आपको बची हुई ड्राइविंग रेंज के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। (जागरण फाइल फोटो)
By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Tue, 31 Oct 2023 10:30 AM (IST)
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। इस समय इंडियन मार्केट में हाइब्रिड कारों का चलन बढ़ता जा रहा है। हालांकि हाइब्रिड गाड़ियों में 3-4 विकल्प मिलते हैं, जिसमें सबसे अधिक माइल्ड और स्ट्रांग हाइब्रिड ऑप्शन वाली गाड़ियां दिख जाएंगी। अब ऐसे में सवाल उठता है कि माइल्ड हाइब्रिड वाली गाड़ी खरीदें या फिर स्ट्रांग हाइब्रिड वाली गाड़ी। इसका जवाब आपको इस खबर के माध्यम से मिलने वाला है।
माइल्ड और स्ट्रांग हाइब्रिड में कौन बेहतर?
स्ट्रांग हाइब्रिड कार में फ्यूल इंजन भी होता है और ये इंजन इलेक्ट्रिक मोटर के सपोर्ट के साथ काम करता है। इससे कार का माइलेज काफी हद तक बढ़ जाता है। हाइब्रिड कार पेट्रोल डीजल कारों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाती हैं। इन कारों की कीमत आम फ्यूल कारों से थोड़ी ज्यादा होती है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाता है। वहीं माइल्ड हाइब्रिड तकनीक कम खर्चीली कारों में ऑफर की जा रही है जिससे कार चलाने का एक्सपीरियंस बेहतर जरूर होता है लेकिन बात करें खर्च की तो माइल्ड हाइब्रिड कार चलाने में हाइब्रिड कार की तुलना में खर्च ज्यादा है।