Move to Jagran APP

World EV day 2023: क्या भारत ईवी मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बन सकता है? एक्सपर्ट्स से समझें

World EV day 2023 इस बार विश्व ईवी दिवस के मौके पर ध्यान देने लायक सबसे अहम बात यह है कि हाल के दिनों में भारत में लिथियम खनन का काफी विकास हुआ है। देश के भीतर लिथियम की उपलब्धता से मौजूदा हालात पूरी तरह बदल सकते हैं क्योंकि यह इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। (जागरण फोटो)

By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Fri, 08 Sep 2023 06:56 PM (IST)
Hero Image
भारत में पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का केंद्र बनने की क्षमता है?
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। कल यानी 9 सितंबर को वर्ड ईवी डे है। ईवी उद्योग के विकास को बढ़ावा देने में भारत सरकार बेहद अहम भूमिका निभा रही है। विश्व ईवी दिवस 2023 से पहले के वर्षों में, भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण, अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने वाली नीतियों को पेश किया है और उनका समर्थन करना जारी रखा है। इन नीतियों में टैक्स में मिलने वाले फायदों के साथ-साथ सब्सिडी और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश शामिल हैं। ईवी सेगमेंट को बढ़ता देख लोगों के मन में सवाल है कि क्या भविष्य में भारत ईवी मैन्यूफैक्चरिंग हब बनेगा? इस सवाल का जवाब आपको इस ऑर्टिकल में मिलने वाला है क्योंकि जागरण ने इस मुद्दे पर ईवी एक्सपर्ट्स से चर्चा की जिसका अंश नीचे दिया गया है।

भारत में पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का केंद्र बनने की क्षमता है?

न्यूरॉन एनर्जी प्रा. लि. के सीईओ एवं सह-संस्थापक प्रतीक कामदार का इस विषय पर कहना है कि विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर की मौजूदगी बेहद जरूरी है, जिसमें बैटरी निर्माण सुविधाएं, असेंबली प्लांट और सप्लाई चेन नेटवर्क शामिल हैं। संभावित तौर पर, इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में दूसरे देशों से मुकाबला करने की भारत की क्षमता सही मायने में घरेलू और विदेशी, दोनों कंपनियों द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर में किए जाने वाले निवेश पर निर्भर है।

ए एम यू लीजिंग एंड इ एम एफ ए आई के डॉयरेक्टर नेहल गुप्ता ने इस मुद्दे पर कहा कि वर्ल्ड ईवी डे 2023 के अवसर पर, एएमयू लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड गर्व से ईवी मैन्युफैक्चरिंग के लिए ग्लोबल हब बनने की भारत की क्षमता को स्वीकारता है। हमारी यात्रा भारत भर के टियर 2 और 3 शहरों में वित्तीय समावेशन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को तेज करने में पूरी ताकत से लगी हुई, इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल इकोसिस्टम के ग्रोथ को सपोर्ट करना विशेष तौर पर शामिल है।

ईवी बैटरी की कब कम होंगी कीमतें?

प्रतीक कामदार ने बताया कि इस बार विश्व ईवी दिवस के मौके पर ध्यान देने लायक सबसे अहम बात यह है कि, हाल के दिनों में भारत में लिथियम खनन का काफी विकास हुआ है। देश के भीतर लिथियम की उपलब्धता से मौजूदा हालात पूरी तरह बदल सकते हैं, क्योंकि यह इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। भारत में हाल ही में खोजे गए लिथियम के भंडार से आयात पर निर्भरता में कमी आने के साथ-साथ पूरे ईवी सप्लाई चेन को मजबूती मिलने की संभावना है।

प्योर ईवी के सीईओ रोहित वडेरा ने Ev2W के भविष्य के बारे में बात करते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर सरकार के जोर देने और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती बाजार मांग के साथ, अंतिम-माइल-डिलीवरी के लिए ईवी को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। ईवी का उपयोग न केवल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और परिचालन लागत को कम करता है बल्कि अंतिम-मील वितरण दक्षता भी बेहतर प्रदान करता है। प्रदूषण को कम करने और स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण प्राप्त करने के लिए ईवी को अपनाना प्रासंगिक है। समुदायों और व्यक्तिगत ग्राहकों के बीच जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। इस दृष्टिकोण को सामर्थ्य बनाए रखते हुए लागू किया जाना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं के लिए हरित भविष्य पर स्विच करना आसान हो।

ईवी मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने में FAME सब्सिडी का कितना होगा योगदान?

प्रतीक कामदार का इस विषय पर कहना है कि भारत सरकार द्वारा शुरू की गई फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) स्कीम जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और विनिर्माण को प्रोत्साहन मिला है। सरकार की इन योजनाओं ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ विदेशी निवेश को भी आकर्षित किया है, जिससे वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की स्थिति मजबूत हुई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर में अव्वल है अपना देश

आरूता बाइक्स के CEO रघुवीर चंदलावड़ा का कहना है कि भारत में विद्या और कौशल की सभी जरुरतें इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) बनाने के लिए हैं। हम दुनिया में दो पहिये वाले वाहनों के सबसे बड़े निर्माता हैं, और हम EV तकनीक में उत्कृष्ट होने के लिए तैयार हैं। EVs इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ़्टवेयर का मिश्रण है, और भारत इन दोनों में अच्छा है। सही प्रतिभा, अच्छा वातावरण, और सरकार के समर्थन से भारत इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) बनाने के लिए एक वैश्विक हब बन रहा है। हालांकि ईवी की कीमत सामान्य पेट्रोल या डीजल-चालित वाहन से थोड़ा ज्यादा हो सकती है, लेकिन इसे ईंधन की ज़रुरत नहीं होती है. साथ ही, ईंधन की बढ़ती कीमतों के सामने, इस अतिरिक्त खर्च की ज़रुरत नहीं होने से काफी बचत होती है और इस प्रकार लम्बे समय में ईवी वित्तीय रूप से व्यवहार्य विकल्प है।

चूंकि इलेक्ट्रिक वाहन में जटिल यांत्रिकी नहीं होती है, इसलिए उनके मेंटेनेंस की कम ज़रुरत होती है और इस प्रकार उनकी रनिंग लागत भी कम हो जाती है। इससे आपको अपने सपनों का इलेक्ट्रिक वाहन रखने में आसानी होती है, जो आसानी से उपलब्ध हैं.