पत्रकार हत्याकांड : रोते बच्चे टकटकी लगाए मां को देख रहे... राजद के पूर्व सांसद बोले- पाताल तक कोई बचेगा नहीं
Araria Journalist Murder बिहार के अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड में शुक्रवार को हुई दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार की हत्या की वारदात से लोगों में आक्रोश है। घटना की सूचना पूरे जिले से प्रदेश और फिर पूरे देश में फैल गई। पत्रकार के शव का पोस्टमार्टम कराए जाने के दौरान भी लोगों की भारी भीड़ जुटी हुई थी।
By Anil Kumar TripathiEdited By: Yogesh SahuUpdated: Fri, 18 Aug 2023 04:52 PM (IST)
Dainik Jagran Journalist Murder, Araria जागरण संवाददाता, अररिया। बिहार के अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड में दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार यादव की शुक्रवार सुबह उनके आवास प्रेमनगर साधु आश्रम स्थित आवास पर बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
यह घटना पूरे जिले में आग की तरह फैल गई। विमल कुमार के शव को पोस्टमार्टम के लिए अररिया लाया गया तो मौके पर लोगों की भीड़ लग गई।
इस घटना को लेकर लोगों में पुलिस के प्रति काफी आक्रोश देखा गया। वहीं, एसपी अशोक कुमार सिंह के पहुंचने पर पोस्टमार्टम में विलंब होने पर लोग आक्रोशित हो गए।
एसपी ने लोगों को शांत कराया तथा स्वयं पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। एसपी ने कहा घटना की पल-पल की जानकारी ले रहा हूं। बताया कि सुबह से मैं मॉनीटरिंग कर रहा हूं। लेकिन लोगों का गुस्सा थम नहीं रहा था।
परिजन का रो-रोकर बुरा हाल
इस घटना की चारों तरफ निंदा हो रही है। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर विमल के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। छोटे-छोटे बच्चे टकटकी लगाए देख रहे थे।सभी लोगों का कहना था कि इन छोटे-छोटे बच्चों की परवरिश कैसे होगी। विमल की पत्नी पूजा, बहन विभा देवी दहाड़ें मारकर रो रही थीं।पत्नी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कह रही थी कि अगर लाइसेंस मिल गया होता तो यह घटना नहीं होती।
वहीं, पास में बैठे दोनों बच्चे अभिनव आनंद व रोमा टकटकी लगाए हुए मां को देख रहे थे। जो भी लोग आ रहे थे बच्चों से ही घटना के बारे में पूछ रहे थे। विमल अपने पीछे पत्नी, एक बेटा व एक बेटी को छोड़ गए।बता दें कि पत्रकार विमल कुमार के भाई गब्बू यादव की हत्या वर्ष अप्रैल 2019 में हुई थी। इस मामले में विमल कुमार यादव गवाह थे।
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