पत्रकार हत्याकांड : रोते बच्चे टकटकी लगाए मां को देख रहे... राजद के पूर्व सांसद बोले- पाताल तक कोई बचेगा नहीं
Araria Journalist Murder बिहार के अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड में शुक्रवार को हुई दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार की हत्या की वारदात से लोगों में आक्रोश है। घटना की सूचना पूरे जिले से प्रदेश और फिर पूरे देश में फैल गई। पत्रकार के शव का पोस्टमार्टम कराए जाने के दौरान भी लोगों की भारी भीड़ जुटी हुई थी।
Dainik Jagran Journalist Murder, Araria जागरण संवाददाता, अररिया। बिहार के अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड में दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार यादव की शुक्रवार सुबह उनके आवास प्रेमनगर साधु आश्रम स्थित आवास पर बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
यह घटना पूरे जिले में आग की तरह फैल गई। विमल कुमार के शव को पोस्टमार्टम के लिए अररिया लाया गया तो मौके पर लोगों की भीड़ लग गई।
इस घटना को लेकर लोगों में पुलिस के प्रति काफी आक्रोश देखा गया। वहीं, एसपी अशोक कुमार सिंह के पहुंचने पर पोस्टमार्टम में विलंब होने पर लोग आक्रोशित हो गए।
एसपी ने लोगों को शांत कराया तथा स्वयं पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। एसपी ने कहा घटना की पल-पल की जानकारी ले रहा हूं। बताया कि सुबह से मैं मॉनीटरिंग कर रहा हूं। लेकिन लोगों का गुस्सा थम नहीं रहा था।
परिजन का रो-रोकर बुरा हाल
इस घटना की चारों तरफ निंदा हो रही है। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर विमल के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। छोटे-छोटे बच्चे टकटकी लगाए देख रहे थे।
सभी लोगों का कहना था कि इन छोटे-छोटे बच्चों की परवरिश कैसे होगी। विमल की पत्नी पूजा, बहन विभा देवी दहाड़ें मारकर रो रही थीं।
पत्नी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कह रही थी कि अगर लाइसेंस मिल गया होता तो यह घटना नहीं होती।
वहीं, पास में बैठे दोनों बच्चे अभिनव आनंद व रोमा टकटकी लगाए हुए मां को देख रहे थे। जो भी लोग आ रहे थे बच्चों से ही घटना के बारे में पूछ रहे थे। विमल अपने पीछे पत्नी, एक बेटा व एक बेटी को छोड़ गए।
बता दें कि पत्रकार विमल कुमार के भाई गब्बू यादव की हत्या वर्ष अप्रैल 2019 में हुई थी। इस मामले में विमल कुमार यादव गवाह थे।
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे
पत्रकार विमल यादव की हत्या की खबर सुनते ही राजनीतिक दलों के नेता सदर अस्पताल पहुंच गए। सभी ने एक स्वर से इस घटना की निंदा की।
सांसद प्रदीप सिंह ने पोस्टमार्टम हाउस पर घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना काफी दुखद है। आज कोई सुरक्षित नहीं है। शासन प्रशासन पर कोई पकड़ नहीं है।
बिहार भगवान भरोसे चल रहा है। सरकार को कुछ नहीं दिख नहीं रहा है। चुनौती देकर अपराधी अपराध कर रहा है। अगर स्पीडी ट्रायल हुआ होता तो निश्चित इनके भाई के हत्यारों की सजा होती।
आज बिहार में जंगलराज चरम सीमा पर है। निश्चित रूप से आज कोई सुरक्षित नहीं है। बिहार की विधि व्यवस्था को जनता बदलेगी।
उन्होंने कहा कि दारोगा के हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि अररिया के डीएम व एसपी सभी भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। नीतीश कुमार को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।
राजद नेता बोले- जल्द होगी गिरफ्तारी
वहीं, राजद के पूर्व सांसद सरफराज आलम ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि घटना में जो भी शामिल होगा उसकी बहुत जल्द गिरफ्तारी होगी। पाताल तक कोई बचेगा नहीं। प्रशासन इसे छोड़ेगा नहीं।
जिप अध्यक्ष आफताब अजीम पप्पू ने घटना की निंदा की। कहा कि यह घटना काफी दुखद है।
राजद नेता अविनाश आनंद, गुड्डु झा, वार्ड पार्षद आबिद हुसैन अंसारी, भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष सुराना सहित काफी संख्या में राजनीतिक दल के नेता पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे तथा घटना की निंदा की।
इधर, घटना के बाद जिले से बड़ी संख्या में पत्रकार पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और घटना की निंदा की। घटना को लेकर जिला पत्रकार संघ ने हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग एसपी से की है।