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    Bihar Jamin Jamabandi: बिहार में तैयार होगी नई जमाबंदी, पंजी में दर्ज होगा वारिसों का नाम

    अररिया जिले के सिकटी में राजस्व महाअभियान की शुरुआत हो चुकी है। इस अभियान के तहत जमीन की जमाबंदी और त्रुटि सुधार के लिए अब रैयतों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे बल्कि उनके घरों तक जमाबंदी की प्रति पहुंचाई जाएगी। साथ ही भूमि अभिलेखों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपडेट किया जाएगा और उत्तराधिकारियों के नाम जमाबंदी की जाएगी। इस अभियान से किसानों को काफी लाभ होगा।

    By Dipak Kumar Gupta Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 18 Aug 2025 05:08 PM (IST)
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    नई जमाबंदी होगी तैयार, पंजी में दर्ज होगा वारिसों का नाम

    संवाद सूत्र, सिकटी (अररिया)। 16 अगस्त से राजस्व महाअभियान की शुरुआत हो गई है। जिला स्तर से इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। इस महाभियान में सभी डीसीएलआर, सीओ, बंदोबस्त कार्यालय के सर्वेक्षण अमीन के साथ सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों को लगाया गया है।

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    सीओ मनीष कुमार चौधरी ने बताया कि अब जमीन की जमाबंदी व त्रुटि सुधार के लिए रैयतों को कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना होगा। आवेदकों के घरों तक जमाबंदी की प्रति पहुंचाई जा रही है। जमाबंदी में सुधार के लिए आवेदन भी लिए जाएंगे।

    अभियान के दौरान वैसी जमीन जो अभी तक मृत पूर्वजों के नाम दर्ज हैं, ऐसे मामलों में बेटों-पोतों के नाम से नई जमाबंदी तैयार होगी और पंजी टू में वारिसों का नाम दर्ज होगा। इसके बाद लगान की रसीद भी उन्हीं के नाम से कटेगी।

    डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भूमि अभिलेख होगा अपडेट

    आरओ सतीश कुमार ने बताया कि राजस्व विभाग के महा अभियान का उद्देश्य भूमि अभिलेखों में मौजूद गलतियों को सुधारना और उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अप-टू-डेट करना है। नाम, खाता संख्या, खेसरा या क्षेत्रफल में त्रुटि अथवा मृत रैयत की जमीन का वारिसों के नाम जमाबंदी दर्ज कराने जैसे सभी कार्य इस अभियान में शामिल होंगे।

    जहां जमीन संयुक्त रूप से दर्ज है, वहां आपसी सहमति, रजिस्ट्री अथवा न्यायालय के आदेश के आधार पर हिस्सेदारों के नाम अलग-अलग जमाबंदी की जाएगी। हर हल्का शिविर में दो-दो कैंप का आयोजन होना है। कैंप में लोगों के आवेदन जमा किए जाएंगे। वहीं 20 सितंबर से 30 अक्टूबर तक शिविर में प्राप्त सभी आवेदनों का निष्पादन किया जाएगा।

    बीडीओ परवेज आलम ने बताया कि अधूरी व त्रुटिपूर्ण जमाबंदी के कारण जो किसान अब तक बैंक ऋण, मुआवजा, सरकारी योजनाओं और भूमि की खरीद-बिक्री जैसी सुविधाओं से वंचित रहे हैं, वे इस डिजिटल और दुरुस्त जमाबंदी से लाभ उठा सकेंगे। साथ ही, भूमि विवाद की संभावनाएं भी कम होगी।

    अगर किसी जमाबंदी रैयत (जमीन के मालिक) की मृत्यु हो गई है, तो उनके उत्तराधिकारियों के नाम वंशावली के आधार पर जमाबंदी कराई जाएगी। जिन जमाबंदियों को अभी तक आनलाइन नहीं किया गया है। उन्हें भी इस अभियान के तहत डिजिटाइज किया जाएगा।

    सिकटी के 57 मौजा होंगे शामिल

    हल्का मौजा की संख्या जमाबंदी की कुल संख्या
    दहगामा 6 4995
    कुचहा 3 4054
    मुरारीपुर 4 4842
    पड़रिया 2 4521
    बोकांतरी 2 5494
    खोरागाछ 5 5275
    मजरख 7 3756
    आमगाछी 4 4916
    कौआकोह 5 5638
    बरदाहा 4 3475
    बेंगा 3 2778
    डेढूआ 4 4864
    भीड़भिड़ी 2 5407
    ठेंगापुर 6 5331