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Araria Bridge Collapse: बकरा नदी की धारा बदलती गई, बढ़ती गई पुल की लंबाई; बढ़ता गया खर्च

Araria News परड़िया घाट का नवनिर्मित पुल में जिस पर जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रुपये लगा था। जिसपर अभी आवागमन भी शुरू नहीं हुआ था सिकटी प्रखंड का जीवनरेखा कहा जाने वाला पुल अचानक ताश के पत्तों की तरह बिखर कर रह गया। इसके साथ ही भावनाएं जमींदोज हो गई वर्षों के इंतजार में आशा भरी लोगों की निगाहें बकरा के गर्भ में समा गई।

By Prashant Prashar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sun, 23 Jun 2024 02:50 PM (IST)
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बकरा नदी पर टूटा पुल (जागरण फोटो)

संवाद सूत्र, सिकटी (अररिया)। Araria News: परड़िया घाट का नवनिर्मित पुल में जिस पर जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रुपये लगा था। जिसपर अभी आवागमन भी शुरू नहीं हुआ था सिकटी प्रखंड का जीवनरेखा कहा जाने वाला पुल अचानक ताश के पत्तों की तरह बिखर कर रह गया। इसके साथ ही भावनाएं जमींदोज हो गई, वर्षों के इंतजार में आशा भरी लोगों की निगाहें बकरा के गर्भ में समा गई। इससे साफ स्पष्ट होता है कि निर्माण के समय आला अधिकारियों का निरीक्षण कागज़ों पर सिमट कर रह गया।

घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों का कहना हुआ कि निर्माण कार्य जब जारी था, तब दर्जनों बार शिकायत की गई, लेकिन आलाधिकारियों ने संज्ञान तक लेना उचित नहीं समझा। अब नेता आ रहे हैं। पदाधिकारी पहुंच रहे हैं। एक- दूसरे को दोषारोपण का सिलसिला जारी है। पुल निर्माण के बाद नदी किनारे दशकों से बकरा की त्रासदी से परेशान ग्रामीणों को उम्मीद जगी थी कि अब आवागमन सुगम होगा। दूरियां सिमटेगी। दोनों प्रखंड के लोग आसानी से आ-जा सकेंगे।

लेकिन विभागीय अनदेखी, संवेदक की मनमानी तथा मानक के अनुरूप कार्य नहीं होने के कारण ग्रामीणों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। सिकटी प्रखंड के ठेंगापुर पंचायत अन्तर्गत बकरा नदी के तीरा पड़रिया घाट पर एक दशक से पुल निर्माणाधीन है। यहां बकरा नदी धारा परिवर्तन कर पुल को छोड़ कभी पश्चिम तो कभी पूरब दिशा की ओर भागती रही है। बनाया पुल नाकाम होता रहा है। वर्ष 2011 में तीरा पड़रिया घाट पर तत्कालीन विधायक आनंदी प्रसाद यादव द्वारा शिलान्यास कर 11 करोड़ की लागत से पुल निर्माण कार्य शुरू कराया गया था।

चार पाया का निर्माण हुआ और राशि के अभाव में काम धीमी रफ्तार में चल रही थी। वहीं 2017 की बाढ़ में बकरा नदी पुल को छोड़ 100 मीटर पूरब तीरा बस्ती की ओर भाग गई और संवेदक द्वारा पुल निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। स्थानीय विधायक विजय कुमार मंडल के प्रयास के बाद दो स्पैन बढ़ा कर 12 करोड़ की लागत से काम प्रारंभ किया गया।

लेकिन पुनः जुलाई 2019 में आयी बाढ़ के कारण नदी निर्माणाधीन पुल को छोड़ धारा परिवर्तन कर पुल से 300 मीटर पश्चिम बहने लगी। इसके बाद पुन: 7 करोड़ 79 लाख से अलग पुल की स्वीकृति मिली। जहां पुल का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया था। अब एप्रोच का कार्य होना था।

इस पुल से दो लाख की आबादी प्रभावित है। यह पुल डोम सड़क के तीरा पड़रिया घाट पर बनाया गया था। इस पुल के निर्माण तथा एप्रोच पथ पूरा होते हीं आवागमन सुगम हो जाता। सिकटी, कुर्साकांटा व पलासी तक के लोगों का फारबिसगंज तथा किशनगंज तक का सफर आसान हो जाता। साथ हीं प्रखंड के तीरा खारदह, पड़रिया, नेमुआ पीपरा, ढेंगरी, मसुंडा, भिड़भिड़ी, बरदाहा, डेढुआ सहित दर्जनों गांवों के लोगों यह मुख्य पथ होता।

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