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Bihar Gehu Mandi Rate 2024: सरकारी और प्राइवेट मंडी में कितना है गेहूं का रेट, 'अन्नदाता' क्यों हैं मायूस?

बिहार में अन्नदाता मायूस हैं। मायूसी की वजह है गेहूं का सरकारी रेट। सरकारी दर 2275 रुपये है जबकि बाजार में 2500 से 2600 रुपये है। किसानों से निर्धारित तिथि 15 जून तक ही गेहूं की खरीद होगी। वहीं जिला सहकारिता पदाधिकारी अजीत कुमार ने कहा जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार में जिस तरह से तेजी आनी चाहिए नहीं आ रही है।

By Anil Kumar Tripathi Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 23 May 2024 05:03 PM (IST)
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सरकारी और प्राइवेट मंडी में कितना है गेहूं का रेट, 'अन्नदाता' क्यों हैं मायूस?
जागरण संवाददाता, अररिया। Bihar Wheat Price Today जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार में तेजी लाने के लिए सहकारिता विभाग लगातार प्रयासरत है। जिले में खरीद की शुरुआत 15 मार्च 2024 की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन फसल की कटाई समय पर नहीं होने के कारण जिले में अप्रैल माह से खरीद की शुरुआत हुई।

एक माह से अधिक समय बीत गया, लेकिन रफ्तार काफी सुस्त है। सरकार के समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदारी होनी है, लेकिन अभी तक बहुत कम ही खरीद हो पाई है। पैक्स में किसानों द्वारा गेहूं नहीं बेचने की मुख्य वजह सरकार द्वारा बाजार भाव से सरकारी मूल्य का कम निर्धारण किया जाना बताया जा रहा है।

सरकारी दर 2275 रुपये है जबकि बाजार में 2500 से 2600 रुपये है। किसानों से निर्धारित तिथि 15 जून तक ही गेहूं की खरीद होगी। किसान फसल को खलिहान से ही बेच दे रहे हैं। जिले में इस वर्ष चार हजार 208 एमटी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 22 मार्च 2024 तक सवा एक बजे तक 24.862 एमटी खरीद हो पाई थी।

इस वर्ष जिस रफ्तार से खरीद हो रही है इसे देखते हुए लक्ष्य हासिल कर पाना संभव नहीं है। सहकारिता विभाग खरीद में तेजी लाने के लिए लगातार बैठक कर दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। विभागीय स्तर पर लगातार किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है।

जिले में इस वर्ष कुल चयनित पैक्स 201 व व्यापार मंडल सात है। कुछ ही समितियां सक्रिय है जहां गेहूं की खरीदारी हो रही है। 48 से 72 घंटे के अंदर भुगतान हो जाना है। जिले में अबतक सबसे अधिक गेहूं की खरीद भरगामा प्रखंड में बुधवार तक 18.300 एमटी हुई थी। एक सप्ताह से खरीद नहीं हो पाई है। कई प्रखंडों में अभी शुरूआत ही नहीं हो सकी है।

जिला सहकारिता पदाधिकारी ने क्या कहा?

जिला सहकारिता पदाधिकारी अजीत कुमार ने कहा जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार में जिस तरह से तेजी आनी चाहिए नहीं आ रही है। किसानों में रूचि नहीं दिखाई दे रही है। किसानों से गेहूं की खरीद 15 जून तक होगी। खरीदारी में तेजी लाने के लिए किसानों को जागरूक करना पड़ेगा। इसके लिए सहकारिता विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है।

क्या कहते हैं किसान?

मरातीपुर वार्ड संख्या तीन के किसान शिवानंद मंडल का कहना है कि सरकारी दर से अधिक बाजारों में गेहूं के दाम मिल रहे हैं। बाजार में गेहूं बेचने पर दाम भी तुरंत मिल जाता है। जिससे अगली फसल की तैयारी के लिए आसानी से होती है।

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