देश में चुनाव का माहौल है और इस लोकतंत्र के पर्व में शामिल होने के लिए कई मतदाताओं ने पहले और दूसरे चरण में मतदान किया तो बाकी के चरणों में कई वोटर्स वोट डालेंगे। ऐसे में चुनाव के दौरान भारत के ही नहीं बल्कि एक ऐसा बी देश है जिसके मतदाता भारत में आकर वोट डालते हैं। तो आइए जानते हैं वो कौन सा देश है?
जागरण टीम (अररिया)। Lok Sabha Election 2024: भारत और नेपाल के बीच रोटी बेटी का संबंध है। दोनों देशों के बीच शादी-विवाह से लेकर सांस्कृतिक आदान-प्रदान होते रहते हैं। दोनों देशों का हित एक दूसरे से जुड़ा है। यही कारण है कि दोनों देश की खुली सीमा पर लोगों की आवाजाही पर कोई रोक टोक नहीं है।
भारत से काफी संख्या में लोग नेपाल में बसे हैं। खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में ऐसे लोगों की तादाद ज्यादा है। इनके पास दोहरी नागरिकता भी है। जो समय-समय पर चुनाव में भारत आकर वोट डालते हैं।
हालांकि इसका कोई अधिकारिक संख्या नहीं है। लेकिन चुनाव के समय ऐसे भारतीय मूल के नेपाल में बसे मतदाताओं की गतिविधि से इस बात को बल मिलता है।
सीमा सील होने से पहले मतदाता आते हैं घर
सीमावर्ती क्षेत्रों में सिकटी, नरपतगंज और फारबिसगंज विधान सभा क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा नेपाल की सीमा से लगता है। मतदान के 72 घंटे पहले सीमा सील होने से पूर्व ऐसे मतदाता यहां अपने स्वजन या फिर घर आ जाते हैं।
ये इलाके हैं सीमा से सटे
सिकटी सीमा से सटे कुआड़ी, कुर्साकांटा, सिकटी, बरदाहा , सुंदरी , डुमरिया , सोनामनी गोदाम , मजरख , सैडाबाद, आमबारी, बारूदह, नरपतगंज सीमा से सटे सोनापुर पंचायत के पथरदेवा, जिमराही, चकोडवा, मधुबनी, ग्वालपुछड़ी, इटहरी, नवाबगंज पंचायत के खोपड़िया, कोशिकापुर, मानिकपुर के मानिकपुर, मोतीटप्पू, पथराहा पंचायत के जटवारा, घूरना, हरिपुर, बबुआन पंचायत के बबुआन, डूमरबन्ना, बसमतिया पंचायत के बसमतिया के आधे दर्जन गांव सहित बेला पंचायत के चार वॉर्ड सीमा से सटे इलाके हैं। इसी तरह जोगबनी का टिकुलिया, इस्लामपुर, पुरानी जोगबनी, भेरियारी आदि शामिल है।
इस इलाके से बेरोकटोक आते हैं लोग
भारत-नेपाल सीमा पर बसा सिकटी विधानसभा का क्षेत्र ऐसा है, जहां के लोग बेरोकटोक नेपाल आवाजाही करते रहे हैं। नेपाल में रहनेवाले यहां के मतदाता चुनाव के समय यहां आकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते रहे हैं। रोटी-बेटी के संबंध में कारण यहां के लोगों के नेपाल से व्यापारिक के साथ पारिवारिक रिश्ते भी बनते हैं।इसी का फायदा उठाकर बड़ी संख्या में दोहरी नागरिकता वाले चुनावों के समय यहां मतदान के लिए पहुंचते हैं, जबकि उनका घर नेपाल में है और परिवार भी नेपाल में ही रहता है। हर बार बॉर्डर सील होने से पूर्व यहां आकर मतदान करते हैं और फिर लौट जाते हैं। यहां से नेपाल की सीमा लगभग 38 किमी लगी है।
सिकटी विधानसभा के लोगों के परिवार के रहते हैं नेपाल में
सीमा पर बसा सिकटी विधानसभा क्षेत्र के करीब 10 से 15 फीसदी लोगों की रिश्तेदारी नेपाल में है। सीमा से सटे कुआड़ी, कुर्साकांटा, सिकटी, बरदाहा, सुंदरी, डुमरिया, सोनामनी गोदाम, मजरख ,सैदाबाद, आमबाड़ी, बारूदह सहित दर्जनों गांव के हजारों लोग नेपाल के कई जिलों में काम करते हैं या स्थायी रूप से परिवार के साथ रहते हैं।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव में मतदान को लेकर जो वोटर लिस्ट तैयार हुआ है उसमें कई ऐसे लोगों के नाम भी शामिल हैं जो अब पूरी तरह से नेपाल में बस चुके हैं। इधर नेपाल में होने वाले चुनाव के दौरान भी भारतीय क्षेत्र में रहने वालों का नाम वहां के वोटर लिस्ट में शामिल कर दिया जाता है।
सीमा पर बिना पहचान पत्र के प्रवेश नहीं
एसएसबी अधिकारियों की मानें तो सीमा पर आवाजाही के लिए पहचान पत्र जरूरी है। नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी जवान किसी भी व्यक्ति को बिना पहचान पत्र के आने व जाने नहीं देती। चाहे नेपाल का व्यक्ति हो या फिर भारत का, उसे पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य है।
चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने इस समय सक्रियता और बढ़ा दी है। पुलिस व एसएसबी टीम लगातार गश्त करती रहती है। सीमा से आने-जाने वालों की सघन जांच होती है।
दोहरी नागरिकता का मामला आता रहा है सामने
नरपतगंज विधानसभा के भारत नेपाल सीमा से सटे पंचायत में नेपाल के दोहरी नागरिकता प्राप्त लोग यहां आकर चुनाव के समय मतदान करते हैं। नेपाल के ऐसे मतदाता इसकी तैयारी में भी जुटे हैं। जो यहां आकर मतदान करते हैं।
नेपाल सीमा से सटे सोनापुर पंचायत के पथरदेवा, जिमराही, चकोडवा, मधुबनी, ग्वालपुछड़ी, इटहरी, नवाबगंज पंचायत के खोपड़िया, कोशिकापुर, मानिकपुर के मानिकपुर, मोतीटप्पू, पथराहा पंचायत के जटवारा, घूरना, हरिपुर, बबुआन पंचायत के बबुआन, डूमरबन्ना, बसमतिया पंचायत के बसमतिया के आधे दर्जन गांव शामिल है।वहीं बेला पंचायत के चार वॉर्ड सीमा से सटा है। बताया जा रहा है कि इन जगहों पर 2020 के विधानसभा चुनाव में भी ऐसे कई दोहरी नागरिकता वाले मतदाताओं ने मतदान किया था। बीते पंचायत चुनाव में सोनपुर और बबुआन पंचायत में इस तरह का मामला सामने आया था।
कहते हैं एसएसबी कमांडर
बीओपी कंपनी कमांडर हरबंस लाल फुलकाहा एसएसबी इस तरह की जानकारी नहीं है। हालांकि कुछ लोग यहां पर दोहरी नागरिकता लिए हुए हैं जो निश्चित रूप से वोट गिराते होंगे। इसकी गहराई से पता की जाएगी। यदि ऐसा कुछ मिलता है तो इसकी जांच कर कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारियों को लिखा जाएगा।लोकसभा चुनाव को लेकर इंडो नेपाल बॉर्डर पर लगातार गश्ती की जा रही है। हर आने जाने वाले व्यक्तियों की जांच की जा रही है। चुनाव से तीन दिन पूर्व बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया जाएगा और आवाजाही पर पूर्ण पाबंदी रहेगी।
नेपाल के मतदाता भी लेते हैं चुनाव में हिस्सा
भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र जोगबनी में नेपाली नागरिक भी मतदान में हिस्सा लेते हैं। क्योंकि नेपाल सीमा से सटा होने के कारण कई लोग दोहरी नागरिकता लिए हुए हैं। जो चुनाव सहित अन्य योजना के लाभ में अपनी भागीदारी बनाए हुए हैं।भारतीय प्रशासन की ओर से अगर सही दिशा में जांच की जाए तो नेपाल सीमा से सटे जोगबनी के टिकुलिया, इस्लामपुर, पुरानी जोगबनी,भेरियारी आदि क्षेत्रों में अधिकांश लोगों के पास भारत और नेपाल की नागरिकता मिल सकती है।
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