विश्व हृदय दिवस पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निश्शुल्क चिकित्सा व परामर्श से मिलेगा लाभ
अररिया। हृदय को स्वस्थ रखना हमारे लंबे जीवन के लिए बेहद आवश्यक ही नहीं बल्कि निहायत जरूर
अररिया। हृदय को स्वस्थ रखना हमारे लंबे जीवन के लिए बेहद आवश्यक ही नहीं बल्कि निहायत जरूरी है। आज कल अपने आपको स्वास्थ्य रखने की चाहत रखने वाला व्यक्ति भी रहन सहन, असमय खान पान व तैलीय भोज्य पदार्थ के कारण हृदय के रोगी बन रहे हैं। हृदय की बीमारियों के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रति वर्ष 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। राज्य स्वास्थ्य समिति पटना के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देश पर पूरे बिहार में विश्व हृदय दिवस मनाने को लेकर 29 सितंबर से पांच अक्टूबर तक विभिन्न अस्पतालों में निश्शुल्क चिकित्सा परामर्श सप्ताह के रूप में आयोजित करने संबंधी निर्देश दिया गया हैं। विश्व हृदय दिवस के मौके पर जिला अस्पताल सहित सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल के अलावा रेफरल, सामुदायिक, प्राथमिक व शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर 29 सितंबर से पांच अक्टूबर तक नि:शुल्क चिकित्सका एवं परामर्श सप्ताह का आयोजन किया जाएगा और आम लोगो को दिल के बीमारियों से बचने के विषय मे जागरूक किया जाएगा। बैनर पोस्टर के माध्यम से किया जाएगा जागरूक
इस दौरान सभी संस्थानों में उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष जांच शिविर आयोजित की जायेगी। मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं हृदयाघात, स्वास्थ्य खान-पान के साथ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जा जाएगा। इस कार्यक्रम को लेकर जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण स्तर तक लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न चौक चौराहों पर रंगीन फ्लैक्स, पोस्टर, बैनर, होर्डिंग लगाया जाना है, इस कार्यक्रम को व्यापक पैमाने पर जागरूकता लाने के लिए प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी स्वास्थ्य कर्मियों, आशा कार्यकर्ताओं को दी गई हैं। किसी भी उम्र के व्यक्तियों को हो सकती हैं दिल की बीमारी डीपीएम रेहान असरफ ने बताया कि दिल की बीमारी किसी भी उम्र के ब्यक्ति को हो सकती है। चाहे वह बच्चें, नौजवान या बुजुर्ग ही क्यों नहीं हो। इस तरह के बीमारियों के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती हैं। आज कल के युवाओं में हृदयाघात ( हार्ट अटैक ) और दिल की बीमारियों की बढ़ती संख्या चिता का विषय बना हुआ हैं। मात्र 10 वर्ष पहले युवाओं के बीच हृदय की समस्या काफी कम थी लेकिन वर्तमान के युवा वर्ग में कुछ •ा्यादा ही देखने को मिल रही हैं। हृदय संबंधी सामान्य समस्याओं को गंभीरता से लेने की जरूरत हैं। हृदय रोग के साथ होने वाले छेड़छाड़ का ही नतीजा है कि आज पूरे विश्व में कई तरह के हृदय रोग देखने को मिल रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सावधान रहने की है जरूरत डीपीएम ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में हृदय रोग की संभावनाएं सबसे ज्यादा होती हैं, क्योंकि एक साथ दो-दो जिदगियां जुड़ी रहती हैं, इसके बावजूद महिलाएं इस बीमारी के जोखिमों को नजरअंदाज कर देती हैं। इसीलिए विश्व हृदय दिवस के माध्यम से लोगों में यह भावना जागृत कराना पड़ता है कि हर उम्र के लोग हृदय रोग से संबंधित बीमारियों के प्रति जागरूक रहें। हृदय रोग के मुख्य कारण व बचाव हृदय रोग के कारणों के विषय मे जानकारी साझा करते हुए डीपीएम ने बताया कि कामकाजी युवा व महिलाएं अपनी निष्क्रिय जीवन शैली, अत्यधिक तनाव, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ज्यादा धूम्रपान, मोटापा, वसायुक्त भोजन ग्रहण के कारण ही इस रोग के शिकार होते है। साथ ही जिनका कोलेस्ट्रोल, ट्राईग्लिसराइड और वीएलडीएल, एलडीएल ज्यादा होता है। वे भी इस रोग के शिकार होते है। हार्ट के मरीजों को सुझाव दिया जाता हैं कि ज्यादा मेहनत वाले काम नहीं करना चाहिए। डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों को शुगर तथा ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण, सप्ताह में कम से कम पांच दिन योगा एवं कसरत, ताजे फल एवं सब्जियों का सेवन करना चाहिए। गुटका, तंबाकू या अन्य नशीले पदार्थ, तैलीय व वसायुक्त भोजन को त्याग करना चाहिए।