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न भारतीय नोट लेंगे-न पेट्रोल देंगे, 100 रुपये से ज्यादा की खरीदारी पर पूछताछ...सरकार के फैसले से परेशान लोग

नेपाल सरकार के एक फैसले ने सीमावर्ती लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। नेपाल की सीमा पर भारत से खरीदारी कर ले जाए जाने वाले सौ रुपये से अधिक के सामान पर सीमा शुल्क वसूला जा रहा है। साथ लोगों से पूछताछ भी की जा रही है। नेपाल के अंदर 100 रुपये से अधिक के भारतीय नोट भी नहीं लिए जा रहे हैं।

By Ashutosh Kumar NiralaEdited By: Deepti MishraUpdated: Thu, 13 Jul 2023 07:03 PM (IST)
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भारतीय मुद्रा पर दिख रहा सीमा शुल्क का असर। तस्‍वीर प्रतीकात्‍मक
दीपक कुमार गुप्ता, सिकटी (अररिया): भारत और नेपाल के बीच चले आ रहे बेटी-रोटी के रिश्तों पर सीमा शुल्क का असर साफ दिख रहा है। नेपाल की सीमा पर भारत से खरीदारी कर ले जाए जाने वाले सौ रुपये से अधिक के सामान पर सीमा शुल्क वसूला जा रहा है। नेपाल के अंदर 100 रुपये से अधिक के भारतीय नोट भी नहीं लिए जा रहे हैं।

इतना ही नहीं, दोपहिया व चार पहिया वाहनों पर सीमा शुल्क में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। इस वजह से दोनों देशों के नोट बदली करने में कमीशन का खेल भी शुरू हो गया है। नेपाल के इस फैसले से दोनों देशों के नागरिक खासा परेशान हैं। नेपाल और भारत के बीच सरहद पर सुरक्षा जितनी कमजोर रही है, रिश्ते उतने ही मजबूत रहे हैं, लेकिन रिश्तों की जमीन अब कमजोर होती दिख रही है।

सौ रुपये से ज्यादा के सामान पर होती है पूछताछ

नेपाल के लोग दैनिक जरूरतों के सामान की खरीदारी भारतीय क्षेत्र से करते हैं, लेकिन अब भारत से 100 रुपये से अधिक का सामान खरीदकर नेपाल ले जाने पर उन्हें शुल्क देने के साथ ही पूछताछ के दौर से भी गुजरना पड़ता है। इस कारण कारोबारी से लेकर आम लोग चिंतित हैं। वहीं दूसरी ओर नेपाल में रोजमर्रा के सामानों पर करीब 10 से 20 फीसदी महंगाई बढ़ गई है। इससे आम जनजीवन प्रभावित होने लगा है, जिससे आम लोगों में आक्रोश बढ् रहा है।

इसका सीमावर्ती कुआड़ी, कुर्साकांटा और सिकटी के बाजारों पर असर दिख रहा है।

कहते हैं व्यवसायी...

कुर्साकांटा के व्यवसायी पप्पू गुप्ता बताते हैं कि नेपाल सरकार के इस तरह के फैसले से सीमा पर रोजमर्रा की वस्तुओं की कालाबाजारी शुरू हो सकती है। इस विषय पर भारत और नेपाल सरकार को ठोस पहल करने की जरूरत है।

किराना दुकानदार राजीव राय ने बताया कि सीमा पर दुकानदारी काफी प्रभावित हुई है। नेपाली ग्राहक आना नहीं चाहते। उन्हें खरीदारी के लिए नेपाली नोट के बदले नेपाली नोट चाहिए, जो दुकानदारों के लिए सिरदर्द बन गया है। सरदार गोरख सिंह कहते हैं कि बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। एक तरफ जहां भारतीय बाजार प्रभावित हैं। वहीं नेपाली ग्राहक महंगाई से चिंतित हैं।

कुर्साकांटा के व्यवसायी मनोज कुमार गुप्ता कहते हैं कि कुर्साकांटा और सिकटी प्रखंड की सीमा से लगे बाजार में हर महीने 45 से 50 करोड़ का कारोबार होता था, जो सीमा शुल्क के बाद 15-20 करोड़ तक घट गया है।

इसी तरह जोगबनी व्यापार संघ के उपाध्यक्ष मंटू भगत बताते हैं कि जोगबनी बाजार पूरी तरह से नेपाल के लोगों की खरीदारी पर निर्भर है। शुरू में सीमा शुल्क लागू होने पर व्यापार 25-30 प्रतिशत पर आ गया था। हाल में कुछ सुधार हुआ था, लेकिन फिर से कहा जा रहा है कि नेपाल सरकार इस नियम को सख्ती से लागू करने जा रही है।

मोरु-भारु का खेल शुरू

भारत-नेपाल की सीमा पर संगठित गिरोह ने मोरु-भारु (नेपाली व भारतीय मुद्रा का एक्सचेंज) का खेल शुरू कर दिया गया है। इन्होंने भारतीय मुद्रा की कीमत कम कर दी है, जहां पहले 1000 भारतीय रुपये के बदले 1600 नेपाली रुपये मिल रहे थे। वहीं अब 1500 नेपाली नोट ही दिए जा रहे हैं, जिसके कारण नेपाल में भारतीय रुपये से सामान खरीदना लोगों को महंगा पड़ रहा है।

नेपाली पेट्रोल पंप पर नोटिस चिपका

इधर सोनमनी गोदाम से लेकर आमबाड़ी तक लगने वाली नेपाल की सीमा तक नेपाली पेट्रोल पंप पर भारतीय रुपए से पेट्रोल नहीं मिल रहा है, जिससे भारतीयों की परेशानी बढ़ी है। पहले भारतीय मुद्रा से नेपाल में पेट्रोल-डीजल व अन्‍य जरूरी सामान आसानी से मिल जाता था।

अब नेपाल जाने वाले लोग या तो नेपाल में घुसते ही नेपाली रुपये लेकर जा रहे है या फिर बिना तेल भराए वापस आ रहे हैं। ज्यादा आग्रह करने पर 10 प्रतिशत का बट्टा काट कर भारतीय रुपये से पेट्रोल भरवाना पड़ रहा है। पेट्रोल पंप पर जगह-जगह लिख कर नाेटिस चिपका दिया गया है कि भारतीय रुपये से आपको पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा।

दो पहिया-चार पहिया वाहन का बढ़ा सीमा शुल्क

नेपाल सरकार ने भारतीय वाहनों पर सीमा शुल्‍क बढ़ा दिया है, जिससे भारतीय वाहन मालिक परेशान हैं। नेपाल में पहले भारतीय दुपहिया वाहन के प्रवेश पर 150 रुपये प्रतिदिन लगते थे, लेकिन अब 200 रुपये लगते हैं। पहले चार पहिया वाहन पर 500 रुपये लगते थे, जो अब 600 रुपये लग रहे हैं। हालांकि, मालवाहक गाड़ियों पर प्रवेश शुल्क नहीं बढ़ाया गया है।

कहते हैं सीमा पर बसे लोग

भारत-नेपाल सीमा पर बसे लोगों का कहना है कि कई भारतीयों की रिश्तेदारी नेपाल में है। वहां कारोबार भी है, जिस कारण सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का नेपाल आना-जाना लगा रहता है। भारतीय वाहनों को नेपाल सीमा में प्रवेश करने पर शुल्‍क देना पड़ता है। आए दिन शुल्‍क में बढ़ोतरी की जा रही है, जबकि नेपाली वाहनों के भारत में प्रवेश पर कोई शुल्‍क नहीं लगता है। इससे भारतीय लोग ठगा सा महसूस करते है।

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