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बिहार के इस स्कूल में 16 साल से नहीं हैं गणित-विज्ञान समेत कई विषयों के एक भी शिक्षक, भगवान भरोसे छात्रों का भविष्य

बिहार में कई ऐसे स्कूल हैं जहां एक विषय के लिए जरूरत से ज्यादा शिक्षक नियुक्त हैं। वहीं कुछ विद्यालय ऐसे भी हैं जहां सालों से कई विषयों के एक भी शिक्षक नहीं है। अररिया के उत्क्रमित मध्य विद्यालय दभड़ा जोकीहाट का भी हाल कुछ ऐसा है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय दभड़ा जोकीहाट में 16 वर्ष बाद भी मैथ साइंस इंग्लिश संस्कृत विषयों के एक भी शिक्षक नहीं हैं।

By Anil Kumar Tripathi Edited By: Mohit Tripathi Published: Fri, 17 May 2024 04:47 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2024 04:47 PM (IST)
16 वर्षों से मध्य विद्यालय में मैथ साइंस के शिक्षक नहीं। (जागरण फोटो)

संवाद सूत्र, जोकीहाट, (अररिया)। अररिया के उत्क्रमित मध्य विद्यालय दभड़ा जोकीहाट में 16 वर्ष बाद भी मैथ, साइंस, इंग्लिश, संस्कृत विषयों के एक भी शिक्षक नहीं हैं। इस कारण बच्चों का शैक्षणिक भविष्य अंधकारमय है।

छात्रों के माता-पिता इसे शिक्षा विभाग की लापरवाही मानते हैं। छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि कक्षा छह से आठ तक के छात्र छात्राओं के लिए सिर्फ एक शिक्षक अनिल कुमार सामाजिक विज्ञान में हैं।

भगवान भरोसे चल रही पढ़ाई

अभिभावकों ने कहा कि सोशल साइंस तो बच्चे अपने से पढ़कर भी तैयारी कर लेता है, लेकिन गणित, विज्ञान, इंग्लिश, संस्कृत विषयों के शिक्षक नहीं हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे चल रहा है।

कृत्यानंद मंडल ने बताया कि सभी सरकारी स्कूलों में बीपीएससी द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की गई, लेकिन हमारे स्कूल में नहीं हुई। दूसरा स्कूल चार किलोमीटर दूर है।

कक्षा छह, सात और आठ में सिर्फ एक टीचर

गौरतलब है कि छह, सात और आठवीं कक्षा में सिर्फ एक टीचर अनिल कुमार हैं, जबकि कक्षा 01 से पांच तक छह शिक्षक हैं।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक महेंद्र बिहारी हैं। अन्य शिक्षकों में शमशाद आलम, अखिलेश कुमार राम, राजेश कुमार दास, मीरा बिहारी, बीबी रूबी हैं।

2008 में उत्क्रमण मध्य विद्यालय बना था स्कूल

आश्चर्य तो यह है कि 2008 में विद्यालय को उत्क्रमण मध्य विद्यालय बनाया गया, लेकिन तब से आजतक कोई साइंस और मैथ के शिक्षक नहीं है। पंचायत के मुखिया ने भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की।

अधर में लटका छात्रों का भविष्य

विद्यालय में कुल 415 छात्र छात्राओं का नामांकन है। कक्षा छह से आठ में 222 छात्र छात्र हैं। 222 बच्चों का शैक्षणिक भविष्य अधर में लटका है।

ग्रामीणों ने आंदोलन की दी चेतावनी

लोगों का कहना है कि इससे पहले भी जितने छात्र छात्रा छह से आठवीं कक्षा उत्तीर्ण हुए उनके साथ भी खिलवाड़ हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि जल्द विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति नहीं हुई तो, ग्रामीण आंदोलन को मजबूर होंगे।

बीईओ ने क्या कहा?

बीईओ शिवनारायण सुमन ने बताया कि इस मामले में जानकारी मिली है, जल्द वरीय अधिकारियों से मिलकर शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा।

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