मामी-भांजी को दिया लिफ्ट का झांसा, फिर युवक ने निकाल लिया चाकू... जघन्य अपराध के दोषी को कोर्ट ने सुनाई सजा
मामी एवं भांजी को तीन साल पहले एक युवक ने लिफ्ट देकर चार पहिया वाहन में बैठा लिया तथा सुनसान रास्ते में मौका पाकर वाहन में बैठी भांजी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। समाज को कलंकित करने वाले इस अतिसंवेदनशील मामले में अररिया न्याय मंडल के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह एससी/एसटी कोर्ट के स्पेशल जज मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने सुनवाई पूरी की।
Araria Crime: संवाद सूत्र, अररिया: अपने घर जा रही मामी एवं भांजी को तीन साल पहले एक युवक ने लिफ्ट देकर चार पहिया वाहन में बैठा लिया तथा सुनसान रास्ते में मौका पाकर वाहन में बैठी भांजी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।
समाज को कलंकित करने वाले इस अतिसंवेदनशील मामले में अररिया न्याय मंडल के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह एससी/एसटी कोर्ट के स्पेशल जज मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने सुनवाई पूरी की।
बुधवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई के पश्चात दोषसिद्ध आरोपित बने फारबिसगंज के मटियारी निवासी 25 वर्षीय विकास पासवान को बीस साल का सश्रम कैद सहित पच्चीस हजार रुपए आर्थिक दंड भरने की सजा सुनाई है।
साथ ही आर्थिक जुर्माना नहीं भरने पर उसे तीन महीने का अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी, जबकि इसी मामले में अदालत ने वाहन चालक सुधीर के खिलाफ दोष प्रमाणित नहीं होने पर उसे रिहा कर दिया।
20 जुलाई 2020 की घटना
घटना 20 जुलाई, 2020 की है। दुष्कर्म के इस मामले में जोगबनी (बथनाहा) थाना कांड संख्या-177/ 2020 दर्ज हुआ था, जिसमें फारबिसगंज के मटियारी गांव स्थित वार्ड नंबर दो निवासी 25 वर्षीय विकास पासवान तथा उसी गांव के वाहन चालक 24 वर्षीय सुधीर कुमार उर्फ सुधीर कुमार पासवान को आरोपित किया गया था।
आरोप था कि आरोपित विकास पासवान चार पहिया वाहन से अन्यत्र जा रहा था कि उसी रास्ते जा रही मामी एवं भांजी को उसने वाहन में बैठा लिया तथा उन्हें पहुंचा देने का झूठा आश्वासन दिया।
इसी क्रम में विकास पहले दोनों मामी एवं भांजी को बथनाहा में वाहन से उतार तो दिया, लेकिन कुछ हीं क्षणों बाद दोनों मामी एवं भांजी को वाहन पर बैठा कर अचानक मटियारी नहर वाले रोड में सुनसान स्थान पर लेकर गया और चाकू का भय दिखाकर भांजी के साथ दुष्कर्म किया।
इस मामले में अदालत ने भादवि की धारा-376 तथा 120बी/34 के तहत 20 अक्टूबर, 2020 को संज्ञान तथा 24 नवम्बर, 2021 को आरोप गठन किया।
इस संवेदनशील मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह एससी एसटी कोर्ट के स्पेशल जज श्री तिवारी की अदालत ने सुनवाई पूरी की, जहां सरकार की ओर से एपीपी राजानंद पासवान सहित बचाव पक्ष से अधिवक्ता ने सजा के बिंदु पर बहस की। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।
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