Bihar: अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक पर चला KK Pathak का चाबुक, कहा-जब तक ग्रामीण न कहें, बंद रखें इनका वेतन
औचक निरीक्षण पर अरवल पहुंचे केके पाठक को सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय सकरी में जुटे ग्रामीणों ने बताया कि यहां के एक शिक्षक पिछले कुछ दिनों से ही विद्यालय में पढ़ाने आ रहे हैं। इसके पहले वे गायब रहते थे। इस पर पाठक ने पदाधिकारी को आदेश दिया कि शिक्षक के वेतन को तबतक के लिए रोक दिया जाए जबतक शिक्षक की उपस्थिति से ग्रामीण संतुष्ट न हो जाएं।
By shiv kumar mishraEdited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 04 Aug 2023 05:00 AM (IST)
जागरण संवाददाता, अरवल: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने एक्शन को लेकर इन दिनों सुर्खियों में हैं। शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद केके पाठक ने स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए एक के बाद एक कई कड़े फैसले लिए हैं।
इस बीच, केके पाठक गुरुवार को विद्यालयों का निरीक्षण करने के लिए अरवल पहुंचे। इस दौरान वे अरवल सदर प्रखंड के NH-139 पर स्थित मध्य विद्यालय सकरी पहुंचे।
ग्रामीणों ने की शिक्षक के अनुपस्थित रहने की शिकायत
केके पाठक के आने खबर सुन वहां जुटे स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि यहां के शिक्षक चंद्रकांत कुमार पिछले कुछ दिनों से ही विद्यालय में पढ़ाने आ रहे हैं। इसके पहले वे अक्सर गायब रहते थे। ग्रामीणों की शिकायत पर उन्होंने अरवल जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि इस शिक्षक का तब तक वेतन बंद रखें, जब तक ग्रामीण पुष्टि न कर दें कि ये प्रतिदिन स्कूल पढ़ाने आने लगे हैं।इसके बाद केके पाठक जीए हाईस्कूल पहुंचे। वहां पर उन्हें स्कूल का एक कमरा कबाड़ से भरा मिला। इस पर पाठक ने स्कूल के प्रिंसिपल को कचरे की सफाई कराकर जल्द से जल्द कक्षा में पठन-पाठन शुरू कराने को कहा।
7 साल से बंद हॉस्टल को 2 दिन में चालू कराने का निर्देश
अपर मुख्य सचिव ने अरवल जिला मुख्यालय स्थित बालिका उच्च विद्यालय प्रांगण में बालिका छात्रावास को बंद देख पूछा तो पता चला कि 2018 में स्कूल के लिए 100 बेड छात्रावास बना था। निर्माण के बाद से ही जांच के नाम पर बंद है। इस पर केके पाठक ने डीईओ को दो दिन के भीतर बालिका छात्रावास चालू कराने का निर्देश दिया।प्रिंसिपल को लगाई फटकार
प्रांगण में जमा बरसात के पानी और कचरे के बारे में स्कूल के प्रिंसिपल कामता सिंह से पूछा तो उन्होंने साफ सफाई का जिम्मा किसी दूसरे को देने को कहा। इस पर केके पाठक ने कहा, कि आप सचिवालय के बड़े बाबू हो गए हैं क्या? विद्यालय के कोष में 45 लाख रुपये पड़े हैं, फिर भी व्यवस्था खराब है।
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