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Bihar News: अब गांवों में मात्र 5 रुपये में होगी शुगर-ब्लड प्रेशर और हार्ट की जांच, जीविका दीदियों को मिली जिम्मेदारी

बिहार के अरवल में अब गांवों में मात्र पांच रुपये में शुगर ब्लड प्रेसर व हार्ट की जांच होगी। 50 जीविका दीदियों का इसके लिए चयन किया गया है। जीविका दीदियों को जांच के लिए मशीन व किट भी उपलब्ध कराई गई हैं। 05 रुपये में स्वास्थ्य जांच की सुविधा से ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। जीविका दीदियां जरूरत पड़ने पर मरीज को नजदीक के अस्पताल में भर्ती भी कराएंगी।

By Rajat Mourya Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 17 Jul 2024 09:44 AM (IST)
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अब गांवों में मात्र 5 रुपये में होगी शुगर-ब्लड प्रेशर और हार्ट की जांच (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शिव मिश्रा, अरवल। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और लोगों को सामान्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक सार्थक पहल शुरू हुई है। जिले की जीविका दीदियां अब लोगों की स्वास्थ्य जांच भी करेंगी। सामुदायिक पोषण संसाधनसेवी के तौर पर जिले की 50 जीविका दीदियों का चयन किया गया है। विभाग द्वारा इनको प्रशिक्षित किया गया है।

साथ ही जांच के लिए ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर जांच, वजन तौलने की मशीन सहित अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। गांवों में घूम-घूमकर लोगों के स्वास्थ्य की प्राथमिक जांच करेंगी। इसके लिए जीविका दीदी को मामूली शुल्क पांच रुपये देने होंगे। प्राथमिक जांच में ब्लड प्रेशर, शुगर या अन्य बीमारी मिलने पर मरीज को तुरंत एएनएम के माध्यम से नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएंगी।

इससे हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, लकवा जैसे मामले कम हो जाएंगे। स्वास्थ्य जांच के साथ प्रशिक्षित जीविका दीदी सामान्य बीमारी से बचाव के उपाय भी बताएंगी। दरअसल, जानकारी के अभाव में आम लोगों के स्वस्थ शरीर में बीमारी अपनी जगह बना लेती है। पहले दौर में बीमारी की पहचान न होने व समय पर इलाज न होने से बीमारी गंभीर बन जाती है। जीविका दीदियों द्वारा प्राथमिक जांच करने से बीमारी की पहचान होगी और समय पर इलाज भी हो सकेगा।

गर्भवती महिलाओं की भी करेंगी पूरी देखभाल

गांवों में सामुदायिक पोषण संसाधनसेवी सह जीविका दीदी गर्भवती महिलाओं की भी पूरी देखभाल करेंगी। इसके लिए भी विभाग ने इन्हें सुरक्षा किट उपलब्ध कराया है। महिलाओं के गर्भवती होने से लेकर बच्चा होने तक में होने वाली सभी तरह की जांच व जरूरत के अनुसार उन्हें पोषण उपलब्ध कराने की जानकारी भी देंगी।

जरूरत पड़ी तो एएनएम के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को दवा भी उपलब्ध कराएंगी। गांव-गांव में जाने वाली जीविका दीदियों से आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा करने में भी मदद ली जाएगी ताकि आसानी से जरूरतमंद लोगों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध हो सके।

गांवों के लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए सामुदायिक पोषण संसाधनसेवी के रूप में 50 से अधिक जीविका दीदियों का चयन किया गया है। स्वास्थ्य जांच को लेकर इन्हें प्रशिक्षित किया गया है। जांच मशीन के अलावा किट भी उपलब्ध करायी जा चुकी है। - अशोक कुमार, कार्यक्रम प्रबंधक, जीविका

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