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Aurangabad Crime: मर्डर केस में 10 साल से फरार आरोपी को औरंगाबाद पुलिस ने किया गिरफ्तार, दो की तलाश तेज

Aurangabad Crime बिहार में औरंगाबाद पुलिस ने 10 साल से फरार हत्यारोपी निखिल कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। निखिल पर वर्ष 2014 में राजकिशोर सिंह की हत्या का आरोप है। पुलिस ने निखिल को गिरफ्तार कर शुक्रवार शाम कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेजा गया है। इस मामले में दो अन्य आरोपित राजकुमार सिंह और रवि कुमार अभी भी फरार हैं।

By Manish Kumar Edited By: Yogesh Sahu Updated: Sat, 31 Aug 2024 02:57 PM (IST)
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Aurangabad Crime: हत्या में दस वर्षों से फरार आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। Bihar Crime: माली थाना क्षेत्र के ईंटवा टोले नोनिया बिगहा गांव निवासी राजकिशोर सिंह की हत्या में 10 वर्षों से फरार आरोपित निखिल कुमार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर शुक्रवार शाम न्यायालय में पेश किया। न्यायालय से उसे जेल भेज दिया गया है।

गिरफ्तार आरोपित माली थाना मुख्यालय का निवासी है। मामले में जसोइया निवासी राजकुमार सिंह और मंजुराही गांव निवासी रवि कुमार आरोपित हुए थे। पुलिस जब निखिल को गिरफ्तार किया तो दोनों आरोपितों को इसकी भनक लग गई।

गिरफ्तारी के भय से दोनों घर से फरार हो गए। थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि 10 वर्षों से निखिल फरार चल रहा था। जब इस मामले का रिकार्ड देखा गया तो पाया गया कि हत्या के इस कांड में निखिल के अलावा जसोइया निवासी राजकुमार सिंह और मंजुराही के रवि कुमार आरोपित किए गए हैं।

तीनों के खिलाफ कांड का पर्यवेक्षण और जांच सही पाया गया था। गिरफ्तारी आदेश निर्गत किया गया था। बताया कि निखिल की गिरफ्तारी के बाद राजकुमार और रवि घर से फरार हो गए हैं। दोनों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।

थानाध्यक्ष ने बताया कि हत्या मामले की प्राथमिकी राजकिशोर सिंह की पत्नी ममता देवी ने कराई थी। बताया गया कि तीनों ने राजकिशोर को घर से साथ ले जाकर गायब कर दिए थे। कुछ दिन बाद राजकिशोर का शव पुलिस ने बरामद किया था।

शव बरामद होने के बाद पुलिस की जांच में हत्या का आरोप सही पाया गया था। बता दें कि हत्या के 10 वर्षों बाद तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होना इस कांड के अनुसंधानकर्ता पर सवाल खड़ा करता है।

राजकिशोर के स्वजनों के अनुसार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसपी, एसडीपीओ से लेकर थानाध्यक्ष से कई बार मिले थे। आवेदन दिए थे पर गिरफ्तार नहीं किए जा रहे थे। आरोपितों को पुलिस बचाने में लगी थी।