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Aurangabad News: औरंगाबाद में डेंगू का कहर, 13 दिनों में मिले इतने मरीज; अस्पतालों में लगी लंबी लाइन

चिकित्सक डॉ. ओमप्रकाश के अनुसार डेंगू का प्रकोप जिले में बढ़ता जा रहा है। जमे हुए पानी में मच्छर पनपते हैं जिस कारण डेंगू होता है। ये मच्छर दिन के समय में काटते हैं। इनसे बचाव जरूरी है।

By Shubham Kumar SinghEdited By: Umesh KumarUpdated: Thu, 15 Sep 2022 12:45 AM (IST)
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औरंगाबाद में डेंगू का कहर। फाइल फोटो

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। जिले में वायरल बुखार के साथ डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। प्रत्येक दिन डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। इस माह 13 दिनों में सदर अस्पताल में तीन एवं निजी अस्पतालों में 40 से अधिक डेंगू के मरीज मिले हैं। सरकारी अस्पताल से अधिक निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की पहचान हो रही है।

चिकित्सक डॉ. ओमप्रकाश के अनुसार डेंगू का प्रकोप जिले में बढ़ता जा रहा है। जमे हुए पानी में मच्छर पनपते हैं, जिस कारण डेंगू होता है। ये मच्छर दिन के समय में काटते हैं। इनसे बचाव जरूरी है। डेंगू वायरस से संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है। डेंगू सीधे तौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।

मानसून के आखिरी दिनों में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू के शिकार लोगों में तेज बुखार की समस्या होती है। गंभीर स्थिति में डेंगू का बुखार आंतरिक रक्तस्त्राव और अंगों की खराबी का कारण बन सकता है। कई लोगों में रक्तचाप का स्तर कम हो जाता है।

डेंगू संक्रमण के लक्षण (Dengue Symptoms)

डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि डेंगू की शुरुआती लक्षण फ्लू की तरह होते हैं, जिस कारण अक्सर लोग इसे पहचान नहीं पाते हैं। आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के चार से 10 दिनों के बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं। डेंगू में तेज बुखार होता है। समय के साथ इसके लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं।

डेंगू होने पर सिरदर्द, मांसपेशियों और हड्डी या जोड़ों में दर्द, मलती-लटी आना, पेट की खराबी, आंखों के पीछे वाले हिस्से में दर्द, त्वचा पर चकत्ते या लाल रंग के दाने निकलने लगते हैं। बताया कि डेंगू के शिकार अधिक लोग एक या दो सप्ताह के अंदर स्वस्थ हो जाते हैं। कुछ मामलों में गंभीर लक्षणों की स्थिति और समय पर इलाज न मिल पाने के कारण यह जानलेवा हो सकता है।

पेट में गंभीर दर्द, लगातार उल्टी आना, मूल-मत्र या उल्टी से खून आने जैसे लक्षण गंभीर स्थिति के संकेत हो सकते हैं।

डेंगू का निदान (Dengue Treatment)

डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि डेंगू बुखार के लक्षण, अन्य बीमारियों चिकनगुनिया, जीका वायरस, मलेरिया और टाइफाइड बुखार की तरह हो सकते हैं। ऐसे में इसके निदान के लिए खून की जांच कराई जाती है और डेंगू की पुष्टि होने पर इसके लक्षणों के आधार पर इलाज शुरू किया जाता है।

डेंगू बुखार के लिए रोगी को अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। रोगी के लक्षणों के आधार पर दवाइयों को प्रयोग में लाया जाता है। कुछ रोगियों के रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाती है, जिसके लिए विशिष्ट उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

बताया कि डेंगू होने पर कभी दर्द की दवा नहीं खानी चाहिए। इससे प्लेटलेट्स घट जाती है और मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। चिकित्सक से उचित सलाह देकर दवा का सेवन करें।

डेंगू से रहें सुरक्षित

डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि डेंगू से सुरक्षित रहने के लिए बचाव सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। मच्छरों से बचने के प्रयास करे, डेंगू के मच्छर दिन के समय में अधिक काटते हैं। पूरी आस्तीन वाले कपड़ों को पहनें।

डेंगू के मच्छर आम तौर पर स्थिर और साफ पानी में प्रजनन करते हैं, इसलिए मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए पानी एकत्रित न होने दें। सप्ताह में कम से कम एक बार खाली कंटेनर, फूलदान, कूलर से पानी निकालकर उन्हें साफ जरूर कर लें। इस तरह के बचाव के उपायों को प्रयोग में लाकर डेंगू के संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है।

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