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Aurangabad: उपला चोरी के विवाद में का हत्‍या का मामला, दोषी को आजीवन कारावास; कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सात सुनील कुमार सिंह की अदालत ने उपला (गोइठा) चोरी के विवाद में सुनेश्ववर पासवान की हुई हत्या मामले में सोमवार को दोषी करार अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने वर्ष 2018 में हुई हत्या मामले में की गई प्राथमिकी की सुनवाई करते बड़का गांव के अभियुक्त बुधन पासवान को भादवि धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

By Manish KumarEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 29 Aug 2023 02:39 AM (IST)
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उपला चोरी के विवाद में का हत्‍या का मामला, दोषी को आजीवन कारावास। फोटो- व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सात सुनील कुमार सिंह की अदालत ने उपला (गोइठा) चोरी के विवाद में सुनेश्ववर पासवान की हुई हत्या मामले में सोमवार को दोषी करार अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

न्यायालय ने रिसियप थाना क्षेत्र के बड़का गांव में वर्ष 2018 में हुई हत्या मामले में की गई प्राथमिकी की सुनवाई करते बड़का गांव के अभियुक्त बुधन पासवान को भादंवि धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

इन धाराओं में हुई सजा

25 हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास होगी। न्यायालय ने दोषी करार आरोपित को धारा 323 में एक साल की सजा और 500 जुर्माना लगाया है।

जुर्माना न देने पर एक माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 324 में दो साल की सजा सुनाई गई है और पांच हजार जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना न देने पर दो माह अतिरिक्त कारावास होगी।

एपीपी इंद्रदेव सिंह ने बताया कि सभी सजाएं एक साथ चलेगी। बताया कि सजायाफ्ता आरोपित पर हत्या करने का आरोप था। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि हत्या मामले में प्राथमिकी मुरारी पासवान ने कराया था।

दो आरोपी हो चुके रिहा

घटना 21 अप्रैल 2018 की थी। मुरारी ने आरोप लगाया था कि उसके खेत से गोइठा चोरी कर ली गई थी। सजायाफ्ता पर चोरी का आरोप लगाया गया था तो वह आरोप को गलत बताते हुए मां सुमित्रा देवी और पिता सुनेश्वर पासवान की पिटाई कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था।

इलाज के दौरान सुनेश्वर की मौत हो गई थी। अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में दो आरोपित को साक्ष्य के अभाव में रिहा किया गया है। बताया कि घटना के पांच वर्ष बाद सजा सुनाई गई है।