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Aurangabad News: 1975 में बने विद्यालय में छात्रों के आने-जाने का नहीं है रास्ता, बारिश होने पर विद्यालय जाना छोड़ देते हैं छात्र

प्रखंड के महुआंव पंचायत के रामपुर गांव में 1975 में विद्यालय खुला था। विद्यालय बेहतर तरीके से संचालित हो रही है परंतु जाने के लिए रास्ता नहीं है। रास्ते का निराकरण नहीं हो सका है। विद्यालय के पास पर्याप्त भवन है। मुख्य सड़क से विद्यालय की दूरी करीब 100 मीटर है। वर्षा होने पर रास्ता में पानी भर जाता है तब विद्यालय आने जाने वाले छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है।

By SURENDRA PRASAD GUPTA Edited By: Prateek Jain Updated: Sun, 24 Dec 2023 12:35 AM (IST)
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1975 में बने विद्यालय में छात्रों के आने-जाने का नहीं है रास्ता

संवाद सूत्र, ओबरा (औरंगाबाद)। प्रखंड के महुआंव पंचायत के रामपुर गांव में 1975 में विद्यालय खुला था। विद्यालय बेहतर तरीके से संचालित हो रही है परंतु जाने के लिए रास्ता नहीं है। रास्ते का निराकरण नहीं हो सका है। विद्यालय के पास पर्याप्त भवन है।

मुख्य सड़क से विद्यालय की दूरी करीब 100 मीटर है। वर्षा होने पर रास्ता में पानी भर जाता है तब विद्यालय आने जाने वाले छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है।

मेढ़ के साहरे रास्ता तय कर छात्र-छात्राएं विद्यालय पहुंचते हैं। विद्यालय बीच खेत में है जिस कारण वर्षा होने पर खेतों के साथ मेढ़ पर पानी भर जाता है।

ग्रामीण नयन सिंह एवं बीरेंद्र कुमार ने बताया कि कई बार छात्र-छात्राएं गिरकर घायल हुए हैं। वर्षा होने पर विद्यालय पहुंचना मुश्किल होता है।

प्रधानाध्यापक रामप्रवेश सिंह ने बताया कि रास्ता नहीं होने के कारण छात्रों के साथ शिक्षको को परेशानी होती है। विद्यालय के चारों तरफ रैयती जमीन है जिस कारण रास्ता नहीं मिल रहा है। छह कमरे में विद्यालय संचालित है।

नामांकित छात्रों की संख्या 144, आते हैं 110

विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या 144 है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि प्रतिदिन 110 से 120 छात्र-छात्राएं विद्यालय आते हैं। 1975 में प्राथमिक विद्यालय खुला था जो वर्ष 2005 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय हो गया। विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था है। बताया गया कि जब तक ग्रामीण अपनी रैयती जमीन नहीं देंगे, विद्यालय जाने का रास्ता नहीं हो सकता है।

रास्ता के लिए ग्रामीणों से बात की जाएगी। विद्यालय उनके गांव में है। विद्यालय आने-जाने में बच्चों को परेशानी होती है। वर्षा होने पर छात्र-छात्राओं को अधिक परेशानी होती है। रास्ता के समस्या का समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। - दीपक कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, ओबरा, औरंगाबाद ।

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