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Aurangabad: विकास से वंचित है पौराणिक उमगा पहाड़, सीएम विकास के लिए दिए थे निर्देश, नहीं लगा आजतक रोपवे

मदनपुर के उमगा पहाड़ का विकास नहीं हो सका है। जीटी रोड के किनारे स्थित इस पहाड़ को पर्यटन के तहत विकास करने की जरूरत है। छह वर्ष पहले यहां सीएम नीतीश पहुंचे थे और पर्यटकों के लिए रोपवे लगाने का आदेश दिए थे पर आजतक रोपवे नहीं लग सका।

By Jagran NewsEdited By: Prashant Kumar pandeyUpdated: Fri, 11 Nov 2022 08:52 AM (IST)
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मदनपुर प्रखंड के उमगा पहाड़ पर स्थित पौराणिक मंदिर

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : मदनपुर प्रखंड के उमगा पहाड़ का विकास नहीं हो सका है। जीटी रोड के किनारे स्थित इस पहाड़ को पर्यटन के तहत विकास करने की जरूरत है। छह वर्ष पहले वर्ष यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे थे और पहाड़ का निरीक्षण किए थे। पहाड़ पर स्थित सूर्यमंदिर का दर्शन किए थे तब मुख्यमंत्री पहाड़ की प्राकृतिक सौंदर्य और प्राकृतिक दृश्य और हरियाली देखकर मुग्ध हो गए थे। पहाड़ पर स्थित मंदिरों की श्रृंखला के बारे में जानकारी लेने के बाद साथ रहे उस समय के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को पहाड़ का पर्यटन के तहत विकास करने और पर्यटकों के लिए रोपवे लगाने का आदेश दिए थे पर आजतक रोपवे नहीं लग सका। पर्यटन के तहत पहाड़ का विकास नहीं हो सका। 

पहाड़ पर पौराणिक सूर्य मंदिर

उमगा पहाड़ पर पौराणिक सूर्य मंदिर, शक्ति स्वरुपा मां उमंगेश्वरी मंदिर, गौरी-शंकर मंदिर, गणेश की दुलर्भ प्रतिमा विराजमान है। पहाड़ पर 52 मंदिरों की श्रृंखला बताई जाती है। यहां दर्शन और पूजन के लिए प्रतिदिन काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। आज भी पहाड़ पर कई मंदिरों के अवशेष देखने को मिलते हैं। पहाड़ पर स्थित कई बहुमूल्य मूर्तियां रख-रखाव के अभाव में छिन्न-भिन्न होते जा रही है। ऐतिहासिक उमगा पहाड़ पर भगवान सूर्य का अद्भूत विशालकाय मंदिर वर्षों पूर्व से ऐतिहासिकता और साक्ष्य समेत गौरव गाथा को परिलक्षित करने के लिए आज की उत्प्रेरणा स्वरूप खड़ा है। 

अद्वितीय है 100 फीट ऊंचा मंदिर

धरातल से करीब 100 फीट ऊंचा काले पत्थर से बनाया गया मंदिर अद्वितीय है। मंदिर को सौंदर्य स्वरूप प्रकृति ने स्वयं धारण किया है। पेड़-पौधों की हरियाली, रंग-बिरंगे पुष्पों का आकर्षण, जंगली पशु-पक्षियों की चहचहाहट तथा गूंज की मधुर राग से संपूर्ण प्राकृतिक मनोभवन वातावरण से अतिप्रोत होते रहता है। पहाड़ पर बड़ी चट्टान के नीचे विराजमान मां उमंगेश्वरी की अद्भुत महिमा है। 

पहाड़ पर असाध्य रोग के इलाज की दवा

ऐतिहासिक एवं धार्मिक उमगा पहाड़ पर कई असाध्य रोग की दवा है। इस प्रकृति में शायद ही ऐसा कोई पेड़-पौधा हो जो औषधीय गुणों से परिपूर्ण नहीं हो। जरूरत केवल उसके गुणों को पहचानने की है। पोलियो, बुखार एवं अन्य रोगों की दवा बनाने के काम में प्रयोग आने वाले पौधे है। हालांकि ये सभी पौधे दक्षिण भारत के जंगलों में पाए जाते हैं परंतु यह पौधा मदनपुर के उमगा पहाड़ पर पाया गया है।

बोले एडीएम 

एडीएम आशीष कुमार सिन्हा ने बताया कि उमगा पहाड़ का विकास के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। राज्य सरकार को भेजा गया है। हर वर्ष उमगा महोत्सव का आयोजन किया जाता है।

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