Cyber Crime: अंजान कॉल पर रहें सतर्क, नहीं तो खाली हो जाएगा खाता; यहां समझें कैसे हो रही ठगी?
बिहार के औरंगाबाद जिले में साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। बैंक ग्राहकों को निशाना बनाकर उनके खातों से पैसे निकाले जा रहे हैं। पीड़ित लोग थाने में शिकायत दर्ज करा रहे हैं लेकिन अधिकांश मामलों में पैसे वापस नहीं मिल रहे हैं। साइबर थाना में जनवरी से अब तक 116 मामले दर्ज किए गए हैं लेकिन कम ही मामलों का खुलासा हो पाया है।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले में साइबर अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन साइबर जालसाज के चंगुल में फंसकर बैंक ग्राहक ठगी का शिकार हो रहे हैं।
बैंक खाता में जमा की गई पूंजी को गवां रहे हैं। ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ग्राहक थाना में प्राथमिकी कराते हैं पर न उनकी राशि वापस होती है। धोखाधड़ी करने वाले जालसाज पकड़े जाते हैं। जिले में हो रही साइबर अपराध के राजफाश का प्रतिशत कम है।
साइबर अपराध के मामले को देखें तो जनवरी माह से अबतक साइबर थाना में 116 मामले की प्राथमिकी कराई गई है। नगर थाना के अलावा अन्य थानों में साइबर अपराध की प्राथमिकी कराई गई है। अधिकांश मामले का राजफाश नहीं हुआ है।
साइबर अपराध के मामले को देखें तो देव थाना क्षेत्र के नकटी गांव निवासी राहुल कुमार से 15 अक्टूबर को साइबर जालसाजों ने धोखाधड़ी कर खाता से छह लाख की धोखाधड़ी कर ली। राशि निकासी के बाद पूरा परिवार सदमे में है।
16 अक्टूबर को 29 हजार रुपये की धोखाधड़ी
बारुण थाना क्षेत्र के रसुलपुर गांव निवासी राहुल कुमार सिंह से जालसाजों ने 16 अक्टूबर को करीब 29 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर लिया। दाउदनगर के पटना फाटक निवासी मुकेश कुमार से जालसाजों ने धोखाधड़ी कर 30 हजार रुपये की अवैध निकासी कर लिया।माली थाना क्षेत्र के महादेवा गांव निवासी राकेश कुमार सिंह से साइबर जालसाजों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की राशि खाता में भेजने के नाम पर 12 अक्टूबर को एक लाख की अवैध निकासी कर ली। जब बैंक ग्राहकों के मोबाइल पर खाता से राशि निकासी का मैसेज आता है तब धोखाधड़ी की जानकारी मिलती है।
सभी मामलों की प्राथमिकी 20 अक्टूबर को साइबर थाना में कराई गई है। साइबर थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष डीएसपी मनोज कुमार ने बताया कि मामले की प्राथमिकी करने के बाद जांच की जाती है। ग्राहकों के होल्ड किए गए राशि को वापस कराया जाता है।
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